भोपाल। मध्यप्रदेश में 100 रुपए प्रतिमाह के दायरे में आने वाले गरीबों को छोड़कर मिडिल क्लास और किसानों को दी जाने वाली बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी पूरी हो गई है। देश में सबसे महंगी बिजली देने वाले मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों ने अपना कारोबार 38000 रुपए के घाटे में बताया है और घाटे की भरपाई मिडिल क्लास व किसानों से की जाएगी। हालांकि मध्यप्रदेश कई दूसरे राज्यों और कारखानों को भी बिजली देता है परंतु उनकी दरें बढ़ाने का फिलहाल कोई समाचार नहीं है।
मध्यप्रदेश की तीनाें विद्युत वितरण कंपनियों ने घरेलू, गैर घरेलू के साथ ही कृषि कार्यों के लिए भी बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत घरेलू बिजली की दर 12.01 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है। जानकारों के मुताबिक वर्तमान में 300 यूनिट महीना खर्च करने वाले उपभोक्ता को विभिन्न चार्ज मिलाने के बाद प्रति यूनिट बिजली 8 रुपए के लगभग पड़ती है। जिन उपभोक्ताओं का बिल करीब 1200 रुपए महीना आता है तो उन्हें इसके लिए करीब 250 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे यानी अब उनका बिल 1500 रुपए के आसपास आएगा।
मध्यप्रदेश की तीनाें विद्युत वितरण कंपनियों ने घरेलू, गैर घरेलू के साथ ही कृषि कार्यों के लिए भी बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत घरेलू बिजली की दर 12.01 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है। जानकारों के मुताबिक वर्तमान में 300 यूनिट महीना खर्च करने वाले उपभोक्ता को विभिन्न चार्ज मिलाने के बाद प्रति यूनिट बिजली 8 रुपए के लगभग पड़ती है। जिन उपभोक्ताओं का बिल करीब 1200 रुपए महीना आता है तो उन्हें इसके लिए करीब 250 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे यानी अब उनका बिल 1500 रुपए के आसपास आएगा।