भोपाल। आने वाले विधानसभा सत्र से पहले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार अब नहीं होगा। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए कुछ समय और लगेगा। टिकट ना मिलने से नाराज हुए दावेदारों को दिया गया वचन 'निगम-मंडल में नियुक्तियां' भी फिलहाल निभाया नहीं जाएगा। सबसे पहले कांग्रेस के उन दिग्गजों को समायोजित किया जाएगा जो चुनाव हार गए हैं, अब उनके पास कोई पद नहीं रह गया है। सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी ना किसी प्रकार का पद देकर उनकी सरकारी सुविधाएं यथावत रखी जाएं।
इन हारे हुए दिग्गजों का समायोजन होगा
ऐसे नेताओं में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पीसीसी के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर, पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा, ताराचंद पटेल, रामेश्वर नीखरा, महेंद्र सिंह बौद्ध, राजेंद्र भारती, नरेश सर्राफ, विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसराणी जैसे चेहरों को सरकारी उपक्रमों में राजनीतिक नियुक्तियां मिल सकती हैं।
इन पदों पर नियुक्तियां की जा सकतीं हैं
योजना, वित्त, महिला, सफाई कर्मचारी, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक जैसे आयोग। राज्य नागरिक आपूर्ति, राज्य भंडार गृह, पर्यटन विकास, आदिवासी वित्त एवं विकास, पशुधन व कुक्कुट विकास, इलेक्ट्रॉनिक विकास, महिला वित्त व विकास, एग्रो इंडस्ट्रीज विकास, ऊर्जा विकास जैसे निगम। मप्र गृह एवं अधोसंरचना विकास, कृषि विपणन, मदरसा और वक्फ बोर्ड जैसे मंडल। अपेक्स बैंक, लघु वनोपज संघ, राज्य सहकारी संघ, आवास संघ, मार्कफेड और 38 जिला सहकारी बैंकों जैसी सहकारी क्षेत्र की संस्थाएं।
मंत्रिमंडल विस्तार में ये नाम संभावित थे
निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा भैया व विक्रम सिंह राणा, बसपा की रामबाई के अलावा कांग्रेस के केपी सिंह, राजवर्धन सिंह, एंदल सिंह कंसाना के नाम प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में संभावित माने जा रहे थे परंतु अब इन्हे इंतजार करना होगा।