भिंड। जिले में रेत का अवैध कारोबार प्रभारी मंत्री आरिफ अकील और प्रशासन की सरपरस्ती में चल रहा है। अपने आपको प्रभारी मंत्री का रिश्तेदार बताने वाले लोग यहां आते हैं, सर्किट हाउस में रुकते हैं और रेत का अवैध कारोबार करते हैं। प्रशासन के जिन अधिकारियों पर रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी है, वे रेत माफिया से मिलने सर्किट हाउस में हाजिरी लगाते रहे। यह बात जिले में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं अटेर विधायक डॉ. अरविंदसिंह भदौरिया ने कही।
डॉ. भदौरिया ने कहा कि कुछ दिनों पहले स्वयं को प्रभारी मंत्री का भांजा बताने वाला जमील अहमद नामक व्यक्ति भिंड के सर्किट हाउस में रुका था। जमील 22 दिनों तक सर्किट हाउस में रहा और रेत के अवैध कारोबार में संलग्न रहा। इस दौरान प्रशासन उसकी आवभगत में लगा रहा। मीडिया ने जब प्रभारी मंत्री से जमील अहमद के बारे में पूछा, तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि जमील उनका भांजा है। भिंड पुलिस की जांच में भी यही बात सामने आई। इसके बाद भिंड पुलिस ने जमील अहमद को गिरफ्तार तो किया, लेकिन बिना किसी कार्रवाई के छोड़ भी दिया।
डॉ. भदौरिया ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से सवाल किया है कि खुद को मंत्री का भांजा बताने वाला जमील अहमद कौन था? जमील और उसके साथी इतने दिनों तक कैसे सर्किट हाउस में रुके रहे? उसे गिरफ्तार किया गया था, तो फिर किस के इशारे पर छोड़ा गया ? डॉ. भदौरिया ने प्रदेश सरकार से इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है साथ ही उन अधिकारियों के बारे में भी जांच किए जाने की बात कही है, जो रोजाना जमील अहमद से मिलने सर्किट हाउस जाते रहते थे।