भोपाल। बीते रोज आईएएस एवं राप्रसे अधिकारियों की तबादला सूची के अलावा आईपीएस अफसरों के भी तबादले हुए। इनमें हाेशंगाबाद आईजी मकरंद देऊस्कर का नाम भी है। होशंगाबाद की लोकल मीडिया में एक खबर सुर्ख हुई है कि एक मंत्री ने माफिया को मकरंद देऊस्कर की कार्रवाई से बचाने के लिए उनका तबादला करवाया है। हालांकि मकरंद देऊस्कर आईपीएस ने इस खबर का खंडन किया है।
29 मई को तय हो गया था तबादला
होशंगाबाद से आ रही खबर के अनुसार एक मंत्री 29 मई काे हाेशंगाबाद में निजी कार्यक्रम में आए थे। निजी कार्यक्रम तो बहाना था, दरअसल वो आईजी देऊस्कर से मिलने आए थे। उन्होंने आइजी को बुलवाया। दोनों के बीच साफ शब्दों में बातचीत हुई और आईजी देऊस्कर ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया। इसी बातचीत के दौरान तय हो गया था कि आईजी का तबादला हो जाएगा और आईजी देऊस्कर इसके लिए तैयार भी थे परंतु वो अपनी कुर्सी बचाने के लिए माफिया के प्रति नरम रुख अपनाने को तैयार नहीं थे।
होशंगाबाद आते ही आईजी देऊस्कर ने माफिया को टारगेट कर लिया था
आईजी मकरंद देऊस्कर काे 24 मार्च काे चुनाव आयाेग के आदेश पर हाेशंगाबाद का आईजी बनाया गया था। तत्कालीन आईजी केसी जैन काे हटा दिया था। हाेशंगाबाद के आईजी बनने के बाद देऊस्कर लगातार एक्शन में थे। इसी मसले काे लेकर आईजी काे मंत्री ने बुलाया था और बात की थी लेकिन आईजी अपनी बात पर अड़े रहे कार्रवाई काे नहीं रोकी। तभी से उनके ट्रांसफर की सुगबुगाहट शुरू हाे गई थी। होशंगाबाद रेंज के लिए नए आईजी की पाेस्टिंग नहीं हुई है। माना जा रहा है दो दिन में नए आईजी आ जाएंगे।
आईजी देऊस्कर ने दोस्तों को पहले ही बता दिया था
आईजी मकरंद देऊस्कर होशंगाबाद आने से पहले गुप्तवार्ता (इंटेलिजेंस) में ही थे। यहां से ट्रांसफर हाेने के चार दिन पहले से ही वे अपने साथियाें से कहने लगे थे कि मैं वापस आ रहा हूं। साेमवार की रात काे उनका ट्रांसफर हाे गया। अब वे वहां सेवाएं देंगे।
आईजी देऊस्कर ने खंडन किया
आईजी देऊस्कर ने प्रतिक्रिया दी है कि मेरा ट्रांसफर मेरी मर्जी से हुआ है। मैंने ही विभाग काे निवेदन किया था कि यहां से मैं व्यक्तिगत कारणाें से जाना चाहता हूं। साेमवार काे आदेश हुआ है। इसके अलावा कोई बात नहीं है।