भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग -एमपीपीएससी (MADHYA PRADESH PUBLIC SERVICE COMMISSION - MPPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा (EXAM) के लिए कमलनाथ कैबिनेट ने नए सिरे से आयु सीमा का निर्धारण (AGE LIMIT SET) किया। इसमें बाहरी (OUT OF MADHYA PRADESH) उम्मीदवारों का लाभ पहुंचाया गया। कैबिनेट मीटिंग के दौरान 5 मंत्रियों ने इसका विरोध किया था परंतु मुख्यमंत्री ने किसी की नहीं सुनी। अब पूरे प्रदेश में पीएससी की तैयारी कर रहे उम्मीदवार नाराज हैं। वो सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। बताने की जरूरत नहीं कि भाजपा इस अवसर का फायदा उठाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश था, इसलिए यह फैसला लिया: सरकार का तर्क
नई आयु सीमा का बड़ा फायदा बाहरी राज्यों के युवाओं को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की सीधी भर्ती से होने वाली परीक्षाओं में होगा। अब 21 से 35 वर्ष तक की आयु के बाहरी युवा मप्र में नौकरी के पात्र होंगे। पहले यह सीमा 21 से 28 वर्ष थी। जबकि मप्र के युवाओं के लिए पीएससी की राजपत्रित परीक्षाओं की आयु सीमा 21 से 35 साल है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि बाहरियों के लिए तय आयु की पूर्ववर्ती सीमा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर कोर्ट ने सभी के लिए शासकीय सेवा में भर्ती की आयु सीमा समान करने का ऑर्डर दिया था। इसी आदेश के पालन में राज्य सरकार ने नई आयुसीमा तय की।
मीटिंग में 5 मंत्रियों ने इसका विरोध किया था
इस फैसले का सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों ने कैबिनेट में ही विरोध किया। उनका कहना था कि तेलुगु, तमिल और कन्नड़ भाषी प्रदेशों में जब स्थानीय युवाओं को रोजगार में विशेष सहूलियत दी गई है तो मप्र में ऐसा क्यों नहीं कर सकते?
तुलसी सिलावट : कम से कम ऐसे युवाओं को यह लाभ दिया जाना चाहिए, जिन्होंने 10वीं, 12वीं की परीक्षा तो मध्यप्रदेश से पास की हो। इसके बाद उनकी उच्च शिक्षा भले ही बाहरी राज्य की हो।
डॉ. गोविंद सिंह : इन्होंने सिलावट के तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदेश के युवाओं के रोजगार हित संरक्षित होना चाहिए।
हुकुम सिंह कराड़ा : वैसे ही शासकीय सेवा में रोजगार के अवसरों में कमी आ रही है। इस स्थिति में स्थानीय युवाओं का लाभ सर्वोपरि होना चाहिए।
जयवर्धन सिंह : पूर्व में बाहरी राज्यों और प्रदेश के युवाओं की आयु में अंतर था तो इसकी वजह क्या थी। इसका परीक्षण होना चाहिए।
तरुण भनोत : प्रदेश के युवाओं को राज्य की नौकरियों में तो आयु सीमा का लाभ मिलना चाहिए।
जनजातीय मंत्री ओमकार सिंह मरकाम और वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के हितों का सरकारी नौकरियों में ध्यान रखना चाहिए। उनके लिए आयु सीमा ज्यादा होना चाहिए।