भोपाल। कमलनाथ सरकार बिजली और पानी में उलझी हुई है। दूसरे सारे काम ठप पड़े हुए हैं। आमतौर पर दिसम्बर से जनवरी के बीच विज्ञापन जारी करने वाले मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने अभी तक प्रारंभिक परीक्षा का विज्ञापन जारी नहीं किया है। पीएससी की तैयारी कर चुके लाखों उम्मीदवार परेशान हैं। पीएससी प्रबंधन का कहना है कि हम सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही गाइडलाइन मिलेगी, विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 2018 में हुई एमपीपीएससी अंतिम चयन सूची जारी हुए भी छह माह हो चुके हैं। ऐसे में इस परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रदेश के लाखों उम्मीदवार असमंजस की स्थिति में हैं। दूसरी तरफ आयोग सरकार से उम्र सीमा के संबंध में निर्देश मिलने का इंतजार कर रहा है। आयोग का तर्क है कि जब तक सरकार से अधिकतम आयुसीमा के संबंध में निर्देश नहीं मिल जाते, तब तक परीक्षा का विज्ञापन जाारी किया जाना संभव नहीं है। आयोग द्वारा जारी किए गए 2019 के एग्जाम केलेंडर के अनुसार जनवरी में इस परीक्षा का विज्ञापन जारी होना था और अपैल में परीक्षा आयोजित होनी थी। मई में प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी होना था लेकिन अभी तक आयोग ने परीक्षा का विज्ञापन तक जारी नहीं किया है।
असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को मिली थी छूट
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में सरकार ने मप्र के मूल निवासयों को आयुसीमा में जहां 10 से 15 वर्ष की छूट दी थी वहीं दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों की उम्र की सीमा 28 रखी गई थी। इस मामले में उप्र के एक उम्मीदवार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस उम्मीदवार की याचिका पर हाईकोर्ट ने उम्र के आधार पर दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों के साथ किसी प्रकार के भेदभाव को संविधान के अनुच्छेद 16(1) का उल्लंघन बताया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मप्र सरकार के आदेश से एमपीएससी ने प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को भी आयुसीमा में छूट दे दी थी। जानकारों का कहना है कि हाईकोर्ट का यह आदेश मप्र में दूसरी सरकारी परीक्षाओं के विज्ञापन न जारी होने की वजह बन गया है। जानकारी के अनुसार मप्र पीएससी ने इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। पीएससी ने प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को दी छूट को केवल एक ही बार लागू होने की बाद कही थी लेेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश के आधार पर राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा सहित दूसरी परीक्षाओं में भी उम्मीदवार कोर्ट जा सकते हैं।
ओवरएज हो गए हजारों उम्मीदवार, कहा -हमें एक मौका और मिले
वारासिवनी की दमयंती पटलेे पति की मौत के बाद दो साल पहले पीएससी की तैयारी शुरू की है। उन्होंने पहली बार में ही प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली थी लेकिन मुख्य परीक्षा के पास नहीं कर पाई। जयवंती के पास इस परीक्षा में बैठने का आखिरी मौका था क्योंकि जनवरी 2019 के बाद वे 45 वर्ष की हो जाएंगी। आयोग द्वारा विज्ञापन जारी नहीं होने से जयवंती की सारी उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं। उनका कहना है कि यदि आयोग समय से विज्ञापन जारी करता तो वे भी यह परीक्षा दे सकती थी। जयवंती का कहना है कि उनके साथ तैयारी करने वाली लगभग एक दर्जन महिलाएं ओवरएज हो गई हैं।