नई दिल्ली। हरियाणा के उद्यान विभाग के एक माली-कम-चौकीदार पर कार्रवाई की बात की जा रही है। आरोप है कि वो लोकसभा मतदान के दिन ड्यूटी मैजिस्ट्रेट बनकर घूम रहा था। जांच में पता चला कि उसके बॉस और उद्यान विकास अधिकारी ने उसे अपनी जगह चुनाव ड्यूटी पर भेज दिया था।
एक महीने तक मैजिस्ट्रेट बनकर घूमता रहा माली
अधिकारी की ड्यूटी सोनीपत के गनौर विधानसभा क्षेत्र में लगी थी, जहां उसने अपनी जगह माली को भेज दिया था। माली ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के तौर पर इलेक्शन कमिशन की वीडियो सर्विलांस टीम का भी करीब एक महीने तक सामना करता रहा और किसी को शक तक नहीं हुआ। चुनाव आयोग की विडियो सर्विलांस टीम चुनाव में कैंडिडेट्स के खर्चों पर नजर रखती है।
70 हजार के बिल को लेकर विवाद से खुली पोल
मामले का खुलासा तब हुआ जब माली की एक होटल मालिक से 70,000 रुपये के बिल को लेकर बहस हो गई। यह मामला जब गनौर के एसडीएम-कम-सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की जानकारी में आया, तब पड़ताल में माली की असलियत सामने आ गई। सहायक रिटर्निंग ऑफिसर ने अपनी शिकायत में कहा कि उद्यान विकास अधिकारी अजित मलिक सोनीपत में तैनात हैं। चुनाव में उन्हें बतौर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट तैनाती दी गई थी। मलिक को यह ड्यूटी सोनीपत के डेप्युटी कमिश्नर-कम-रिटर्निंग ऑफिसर ने दी थी।
माली ने ड्यूटी मैजिस्ट्रेट बन खूब उड़ाई मौज
हालांकि जांच में सामने आया कि मलिक ने अपनी जगह उद्यान विभाग के माली संदीप कुमार को भेज दिया। एसडीएम ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि संदीप ने ना सिर्फ बतौर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट इतने दिनों तक ड्यूटी की, बल्कि स्थानीय नेताओं से अपने पेट्रोल-डीजल और होटल में रहने का खर्चा भी लिया। किसी को शक तक नहीं हुआ क्योंकि मलिक ने अपना मोबाइल फोन भी संदीप को दे दिया था।
पुलिस ने कई धाराओं में दर्ज किया केस
शिकायत के आधार पर पुलिस ने संदीप और मलिक के खिलाफ आईपीसी 419, 420, 409, 166, 170, 171 और 120बी के तहत केस दर्ज किया है। सहायक रिटर्निंग ऑफिसर ने इस बारे में एक रिपोर्ट सोनीपत के डेप्युटी कमिश्नर को भेजी है। उधर उद्यान विभाग के महानिदेशक ने कहा कि इस बारे में जिला प्रशासन सोनीपत से एक रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने कहा, 'दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई जिला प्रशासन की रिपोर्ट मिलने के बाद ही की जा सकेगी।'