केंद्रीय पीएफ आयुक्त कुमार रोहित ने नए प्रोविडेंट फंड एक्ट के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी जब किसी कंपनी में 10 साल की सेवा पूरी कर लेता है और 58 वर्ष का हो जाता है तो वह पेंशन का हकदार होता है।
पीएफ आयुक्त सुप्रीम कोर्ट के पीएफ संबंधी निर्णय और नए अप्रेंटिसशिप एक्ट को लेकर शनिवार को उदयपुर राजस्थान में संवाद सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की अधिकतर योजनाएं आधार से जुड़ी हैं और उसमें व्यक्ति से जुड़ी सटीक जानकारी अनिवार्य होती है जैसे जन्म तिथि, नाम, सरनेम आदि। उद्योगों को चाहिए कि ग्रामीण परिवेश के कर्मचारियों की जानकारी रिकार्ड पर लाने के लिए कंपनी उनकी मदद करें।
प्राेविडेंट फंड एक्ट की तकनीकी बारीकियां बताईं
राजस्थान हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट आरके जैन ने नए प्रोविडेंट फंड एक्ट की तकनीकी बारीकियाें के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक्ट में स्पेशल अलाउंस भी अन्य अलाउंस की तरह पीएफ की गणना करते हुए जोड़े जाने का प्रावधान है। संयुक्त सचिव शशिकांत शर्मा ने एक्ट पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि एक्ट के अनुसार यदि किसी संगठन में 40 या इससे अधिक कर्मचारी हैं तो उसे कर्मचारियों की संख्या का 2.5 प्रतिशत अपरेंटिस के रूप में रखना होगा। सीआईआई उदयपुर जोनल काउंसिल के चेयरमैन अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सीआईआई उदयपुर जोनल काउंसिल राज्य तथा केंद्र की योजनाओं के बारे में जागरूकता पर काम कर रही है।