भोपाल। यातायात के नियम तोड़ने के बाद जब आपका पुलिस अधिकारियों के सामना होता है तो उनका व्यवहार कैसा होता है बताने की जरूरत नहीं लेकिन खुलासा हुआ है कि वही पुलिस अधिकारी चालान के नाम पर आपको जो पर्ची देते हैं, वो पूरी तरह से फर्जी है। सतना के मामले में आरटीआई के बाद यह खुलासा हुआ है।
विभाग को पता ही नहीं ट्रेफिक पुलिस ने कितनी चालान बुक छपवा लीं
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने पुलिस को चेताया है कि इस तरह की वसूली भ्रष्ट्राचार के लिए खुला न्योता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने मध्य प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह और राज्य के महालेखाधिकारी रविन्द्र पत्तार को भी सूचना दी है। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इस मामले में जब सतना पुलिस को तलब किया तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई। सतना के एसपी इक़बाल रियाज़ ने नगर पुलिस अधीक्षक के माध्यम से लिखित जवाब में सूचना आयोग को बताया कि नो पार्किंग चालान नोटिस की कोई भी जानकारी पुलिस विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। सतना पुलिस ने ये भी बताया कि उनके पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि नो पार्किंग नोटिस कितनी मात्रा में पुलिस ने छपवाया और चस्पा नोटिस के एवज में कितने रुपए का चालान पुलिस ने काटा।
चलान की तीन कॉपी होनी चाहिए-
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा कि नियमों के अनुसार ही पुलिस द्वारा ट्रैफिक नियमो के उलंघन में चलान की करवाई की जा सकती है। इसके तहत गवर्नमेंट प्रेस से छपे चालान की हर रसीद की तीन कॉपियां होती हैं। जिसमें से एक कॉपी ट्रेज़री, दूसरी जिसके ख़िलाफ़ चलानी करवाई हुई और तीसरी कॉपी पुलिस विभाग के पास रहती है। इसके साथ ही चलानी कारवाई का पंचनामा भी बनता है। सूचना आयुक्त ने सतना में उजागर फ़र्ज़ी चलानी करवाई पर अपने आदेश में कहा कि पुलिस विभाग के पास इस बात रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में इस बात का पता लगाना असंभव है कि कितने लोगों को चालान इशू हुआ और कितने लोगों से रकम की वसूली कर के सरकारी ख़जाने में जमा किया गया।
टीआई ने आरटीआई के जवाब में क्या लिखा
अवैध वसूली का मामला उस वक्त सामने आया जब सतना के जवाहर लाल जैन ने आरटीआई दायर कर साल 2016 में वाहनों पर चस्पा नो पार्किंग चालान नोटिस के बारे में जानकारी मांगी। इस मामले में थानेदार कोतवाली सतना का बयान बहुत ही हास्यास्पद रहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी से इस बात की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए कि उसके पास हर समस्या का हल हो। साथ ही कहा जानकारी लोकहित में नहीं दी जा सकती। थानेदार ने आवेदक को सलाह दी कि जानकारी चाहिए तो बाजार से मोटर व्हीकल एक्ट की किताब खरीद के पढ़ लें।
सूचना आयोग ने टीआई, सीएसपी और एसपी को नोटिस जारी किया
जवाहरलाल जैन ने अपनी अपील में कहा कि सतना पुलिस मनमाने ढंग से जुर्माने की रसीद काटती है और वाहन चालकों को प्रभाव वश छोड़ दिया जाता है। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने गंभीरता से लेते हुए सतना के तत्कालीन (30/01/2016) एसपी, सीएसपी और थानेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ये तो चालान के नाम पर खुला भ्रष्टाचार हो रहा है
मामले में फैसला सुनाते हुए राहुल सिंह ने कहा कि 2012-13 में भी भोपाल राजधानी में तत्कालीन डीआईजी श्रीनिवास वर्मा ने ट्रैफिक चालान में उपयोग में लाई जा रही फ़र्ज़ी अवैध रसीद कट्टे का रैकेट पकड़ा था। सूचना आयुक्त का मानना है कि इस तरह की वसूली के चलते चालान की राशी शासन के खजाने में ना जाकर भ्रष्ट व्यवस्था की भेंट चढ़ जाती है। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा अवैध चालान से सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। पुलिस की चलानी करवाई का रिकॉर्ड होना चाहिए। साथ ही हैदराबाद जैसे शहरों में उपयोग में लाई जा रही ऑन लाइन बॉडी कैमरा से एक पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवथा का निर्माण हो सकता है।