ग्वालियर। महिला SDM दीपशिखा भगत और महिला DOCTOR प्रतिभा गर्ग के बीच क्या कुछ हुआ, अभी प्रमाणित होना शेष है परंतु सबके सामने 9 घंटे तक ड्रामा चला जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। महिला एसडीएम ने महिला डॉक्टर का प्राइवेट क्लीनिक सील कर, उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया था। 9 घंटे तक महिला डॉक्टर पुलिस हिरासत में रही। महिला एसडीएम का कहना है कि उन्होंने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें महिला डॉक्टर अवैध गर्भपात कराने के लिए राजी हुईं थीं। महिला एसडीएम ने अब तक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान जुटाए सबूतों का खुलासा नहीं किया है।
जयारोग्य अस्पताल समूह की एसोसिएट प्रोफेसर व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिभा गर्ग निजी क्लीनिक भी चलाती हैं। जहां महिला एसडीएम दीपशिखा भगत उनके क्लीनिक पर मरीज बनकर पहुंची और 2 महीने की प्रेग्नेंसी बता कर गर्भपात के लिए बात की। महिला एसडीएम ने दावा किया कि प्रतिभा गर्ग ने ऑपरेशन की हामी भर दी थी। एसडीएम ने क्लीनिक से ही पुलिस को फोन कर उसे सील कर दिया। महिला डॉक्टर को उठाकर विश्वविद्यालय थाने में बैठा दिया था। इतना ही नहीं महिला डॉक्टर के पति का मोबाइल भी जब्त कर लिया गया। महिला डॉक्टर का आरोप है कि अधिकारी ने उनका मानसिक शोषण किया। यहां तक कि उनके बच्चों और पति से भी बात नहीं करने दी गई।
मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर को प्रशासन द्वारा अवैध हिरासत में रखे जाने को लेकर शहर भर के डॉक्टर जिनमें सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही शामिल थे। उनके संगठन थाने पर जमा हो गए और पुलिस व प्रशासन के खिलाफ हंगामा करने लगे। खास बात ये है कि प्रशासन 9 घंटे तक महिला डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सका। डॉक्टरों के बढ़ते दवाब और हड़ताल की चेतावनी के बाद आखिरकार प्रशासन ने महिला डॉक्टर को रिहा कर दिया। जांच में सहयोग करने के लिए उन्हें एक जुलाई को फिर तलब किया है। प्रशासन का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है।