मोबाइल फोन 2जी से 4जी हो गए। हर फोन में कॉलर आईडी होती है परंतु सिर्फ नंबर ही दिखाई देता है। नाम डिस्प्ले करने का सिस्टम आज तक शुरू नहीं किया गया। एक मोबाइल एप है TRUECALLER, लेकिन वो भी कहां सच बोलता है। उल्टा TRUECALLER डाउनलोड करना ही खतरनाक है। दूसरे का नाम जानने के चक्कर में अपनी सारी प्राइवेसी लीक हो जाती है। कंपनियों का क्या, कब पैसे के लालच में क्या बेच दें।
सवाल यह है कि क्या TRUECALLER के अलावा कोई दूसरी ट्रिक है जिससे कॉलर का असली नाम जाना जा सके
अवधेश कुमार (Avdhesh Kumar), प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं) का कहना है कि आज कल सबके पास स्मार्टमोबाइल आ गया है। हर कोई फेसबुक या इंस्टाग्राम या व्हाटसअप जैसे कोई न कोई सोशियल एप यूज करता है और इनमें नम्बर रजिस्टर्ड होते हैं। आप नंबर कॅापी करें और अपने फेसबुक, इंस्टा या वाट्सअप के जरिये फोन नंबर सर्च करें, किस्मत अच्छी हुई तो काॅलर की सारी डिटेल मिल जायेंगी। मेरे लिए ये फंडा हमेशा काम करता है। वैसे भी आज भी दुनिया में छिपना बहुत मुश्किल है।
एक तरीका और भी है
आप नंबर को गूगल करके देखिए। इससे यह भी पता चल जाता है कि यह नंबर पहले किसी और के पास तो नहीं था। गूगल सर्च इंजन करोड़ों वेबसाइट में दर्ज डाटा, नाम व नंबर प्रदर्शित करता है। यदि कोई नंबर किसी प्रोफेशनल, दुकानदार या प्रतिष्ठित व्यक्ति का है तो निश्चित रूप से वह गूगल में मिल जाएगा। वहां यह भी पता चल जाएगा कि नंबर वेरीफाइड है या नहीं।