भोपाल। मध्यप्रदेश के अधिकांश स्कूलों में विशेषकर ट्रायवल विभाग के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। जिनकी पूर्ति अतिथि शिक्षक व्यवस्था द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है। विगत वर्ष ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते 2-3 महीने विलंब से अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो पाई। ऑनलाइन अतिथि शिक्षक नहीं मिलने पर प्राचार्यों को बिना निर्देश के ऑफलाइन अतिथि शिक्षक रखने पड़े। जिससे भर्ती में और विलंब हुआ।
ट्रायवल के अधिकांश हाई स्कूलों में एक ही शिक्षक हैं। कई प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल शिक्षक विहीन तक हैं। हायर सेकेंडरी स्कूल जहाँ 800 के लगभग दर्ज संख्या है। वहां 4-5 नियमित शिक्षक ही कार्यरत हैं। कुल मिलाकर ट्रायवल के अधिकांश स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही संचालित हैं अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जाती है भर्ती की यह प्रक्रिया एक दम लचर और जटिल है और भर्ती में विलंब बहुत होता है जिससे रिजल्ट प्रभावित होता है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली हैं और यहां के विद्यार्थी सिर्फ विद्यालय की पढ़ाई में ही आश्रित रहते हैं समय पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने पर पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं।
ट्रायवल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन (TRAVEL WELFARE TEACHERS ASSOCIATION) ने प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी से मांग की है कि ट्रायवल विभाग अपने स्कूलों के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती की व्यवस्था खुद करे व भर्ती प्रक्रिया का सरलीकरण कर ऐसे भर्ती नियम बनाए कि अतिथि शिक्षक भी परेशान न हों और 1 जुलाई के पहले अतिथि शिक्षक सभी विद्यालयों में नियुक्त हों जाएं । वर्तमान में अतिथि शिक्षकों के भर्ती नियम इतने जटिल हैं कि अतिथि शिक्षक से लेकर संकुल प्राचार्य तक सब हलाकान हैं इतनी खानापूर्ति तो नियमित भर्ती तक में नहीं होती । एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डी के सिंगौर ने सभी ट्रायवल जिलों में एसोसिएशन द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की अपील की है।