भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ U-TURN के लिए चर्चित होते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की खबरों का तत्समय कमलनाथ ने ही खंडन किया था। अब वही कमलनाथ कह रहे हैं कि मैने उस समय इस्तीफे की पेशकश की थी। मजेदार बात यह है कि कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा अब तक नहीं भेजा है लेकिन हां, इतना जरूर स्वीकार कर लिया है कि वो खबर सही थी, जिसका उन्होंने खंडन किया था।
पहले क्या हुआ था
लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के तत्काल बाद प्रदेश प्रभारी एवं महासचिव दीपक बावरिया ने बताया था कि मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने इस्तीफे की पेशकश की है। मध्यप्रदेश में यह खबर सबसे पहले भोपाल समाचार ने प्रसारित की थी। 2 दिन तक इस बारे में खबरें चलतीं रहीं लेकिन जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष पद पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और अजय सिंह राहुल के नाम की चर्चा शुरू हुई, कमलनाथ ने सामने आकर खबरों का खंडन कर दिया। उन्होंने खुद कहा कि वो किसी भी तरह का इस्तीफा नहीं दे रहे हैं और उन्होने ऐसी कोई पेशकश नहीं की है।
कमलनाथ ने U-TURN क्यों लिया
कमलनाथ ने कहा कि उन्हें पार्टी के अन्य नेताओं के बारे में नहीं मालूम लेकिन उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कमलनाथ ने स्वीकार किया कि मध्य प्रदेश में पार्टी की पराजय के लिए वे ज़िम्मेदारी लेते हैं। बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी से यूथ कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा था कि सर पराजय की ज़िम्मेदारी सामूहिक होती है तो सिर्फ आपका इस्तीफा ही क्यों ? इसके जबाव में राहुल गांधी ने कहा कि मेरे इस्तीफे की पेशकश के बाद भी कई प्रदेशो के अध्यक्षों और पार्टी नेताओं ने अपने इस्तीफे की पेशकश नही की है। वे जबावदेही से बच रहे हैं। लोकसभा चुनाव हार चुके राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कांग्रेस के लीगल सेल के चेयरमैन सहित आईटीआई सेल के पद से इस्तीफा सौंप दिया है।