भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को सुबह पुलिस की पिटाई से मृत हुए शिवम के परिजनों से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने सरकार से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। शिवराज सिंह ने कहा कि मप्र पुलिस में ये वहशी कहां से आ गए। क्या इनकी अंतरात्मा नहीं है। इनका परिवार नहीं है। दिव्यांग मां-बाप के बेटे को मार डाला गया, ये साधारण अपराध नहीं असाधारण है। ये नीचता की पराकाष्ठा है। परिवार की हालत देखकर ये संकल्प लिया है कि इसके अपराधियों को छोड़ेंगे नहीं। उनके परिवार को न्याय दिलाएंगे। हमने सीबीआई जांच कराने की मांग की है। अगर सरकार में जरा भी संवेदनशीलता है तो वह सीबीआई से जांच कराएं।
विरोध प्रदर्शन का ऐलान
शिवम मिश्रा के परिवार को न्याय व नरपिशाचों को सजा मिले और घटना की सीबीआई जांच हो। इसके लिए हम कल 21 जून को भोपाल के भारत माता चौराहे, भदभदा रोड पर धरने का आयोजन करेंगे। मैं आप सबसे अपील करता हूं कि कल 11 बजे धरना स्थल पर आइये और अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाइये।
घटना क्या है
रात ढाई बजे शिवम ओर उसका दोस्त गोविंद शर्मा ढाबे से खाना खा कर लौट रहे थे। बीआरटीएस कॉरिडोर में उनकी XUV रेलिंग से टकराने पर लालघाटी पुलिस दोनों को बैरागढ़ ले गई। दोनों की इस कदर पिटाई की गई कि शिवम की मौत हो गई। जब पुलिस उन्हें पीट रही थी, वो पूछ रहे थे हमारा जुर्म क्या है। गोविंद घायल है। परिजन हमीदिया अस्पताल मरचुरी में हैं। वे हत्या और लूट का प्रकरण दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। डीआईजी इरशाद वली भी हमीदिया अस्पताल पहुंचे हुए हैं और मृतक शिवम के परिवार वालों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मृतक के पिता पुलिस कर्मचारी हैं
अपने कलेजे के टुकड़े को इस हाल में देखकर घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता खुद पुलिस में है। लेकिन अपने बेटे की मौत के बाद उनके भी आंसू थम नहीं रहे। वो बस दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मृतक के पिता को पीएम के लिए राजी करने के लिए साइबर सेल की एआईजी शशिकांत शुक्ला हमीदिया अस्पताल पहुंचे हैं। बच्चे की पिता की पोस्टिंग साइबर सेल में ही क्लर्क रूप में है।
पुलिस ने एक नहीं सुनी, बस पीटती रही
हमीदिया अस्पताल में मौजूद मृतक के मामा ह्दयेश भार्गव ने बताया कि मंगलवार देर रात उनका भांजा शिवम और उसका दोस्त गोविंद बैरागढ़ से आगे एक ढाबे पर खाना खाने जा रहे थे। जैसे ही उनकी गाड़ी लालघाटी से आगे पहुंचीं। बीआरटीएस कॉरिडोर से टकरा गई। आनन-फानन में डायल-100 के जवान मौके पर पहुंचे और दोनों युवकों को पास की पुलिस चौकी पर ले आए। यहां दोनों की जमकर पिटाई की गई। बैरागढ़ थाने का मामला होने की वजह से वहां की पुलिस को हादसे की जानकारी दी गई। इसके बाद बैरागढ़ पुलिस आई और दोनों युवकों को थाने ले गई। वहां भी शिवम और उसके दोस्त की जमकर पिटाई की गई। शिवम ने कई बार पिटाई कर रहे पुलिसवालों को बताया कि उसके पिता भी पुलिस में हैं लेकिन पिटाई कर रहे पुलिसवालों ने उसकी एक नहीं सुनी और लगातार उसे मारते रहे। इसके बाद शिवम ने दम तोड़ दिया। मृतक पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहा था लेकिन कई बार परीक्षा में नाकाम होने के बाद प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहा था।
मृतक के चाचा एसआई हैं, उन्होंने भी टीआई ने गुहार लगाई थी
परिजनों का आरोप है कि जब शिवम की थाने में पिटाई हो रही थी तो उस वक्त मृतक शिवम के चाचा जो इंदौर में सब-इंस्पेक्टर हैं, उन्होंने बैरागढ़ टीआई अजय मिश्रा को फोन लगाकर इसकी जानकारी दी थी और अपने भतीजे को छोड़ने की गुहार लगाई थी इसके बावजूद शिवम को इस बेरहमी से पीटा गया कि उसकी मौत हो गई। ऐसे में परिजनों ने पिटाई करने वाले पुलिसवालों के साथ बैरागढ़ टीआई को बर्खास्त करने की मांग की है।
पिता ने कहा: बेटे के पैसे और सोने की चैन लूट ली
मृतक शिवम के पिता सुरेश मिश्रा ने भी आरोप लगाया कि उनके बेटे की पुलिस ने हत्या की। उन्होंने बताया कि,"बेटे के पास पैसे और सोने की चेन थी। जो नहीं मिल रही है। टक्कर के बाद गाड़ी पूरी तरह टूट गई थी लेकिन बेटे को खरोंच तक नहीं आई थी। लेकिन थाने ले जाकर पुलिस ने इतनी पिटाई कि उसके कान और शरीर पर निशान पड़ गए थे। मुझे शक है कि पुलिस अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी प्रभावित कर सकती है। ऐसे में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।" उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। फिलहाल परिजन मृतक शिवम का पोस्टमॉर्टम कराने को तैयार नहीं है।