भोपाल। सही कहते हैं कि कलेक्टर यदि चाहे तो पूरा सिस्टम सुधर जाता है। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में ऐसा ही कुछ नजर आया। अभिषेक सिंह आईएएस यहां कलेक्टर हैं। दस्तक अभियान के तहत बीमार बच्चों का इलाज कराया जा रहा है। अस्पताल में जगह नहीं थी और 100 से ज्यादा बच्चे भर्ती किए जाने थे। कलेक्टर को पता चला तो उन्होंने अपने सरकारी आवास के एक हिस्से को अस्थाई अस्पताल वार्ड बना दिया और बच्चों का इलाज कराया।
सभी बच्चे खून की कमी से पीड़ित थे
मध्य प्रदेश राज्य में 'दस्तक' अभियान चलाया जा रहा है, इस अभियान का मकसद पांच वर्षो की आयु तक के बच्चों की बीमारी का पता करके उन्हें उपचार दिलाना है। दस्तक अभियान के दौरान सीधी जिले में बड़ी संख्या में बच्चे खून की कमी अर्थात एनीमिक पाए गए। इन बच्चों को रक्त चढ़ाने (ब्लड ट्रांसयूजन) के लिए जिला अस्पताल लाया गया। बच्चों की संख्या के मुताबिक अस्पताल में व्यवस्था नहीं थी।
कलेक्टर आवास का एक हिस्सा अस्थाई अस्पताल वार्ड बना दिया
जिला चिकित्सालय की क्षमता से अधिक बच्चे बुधवार को ब्लड ट्रान्सफ्यूजन के लिए लाए गए थे। जिला चिकित्सालय में उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने पर कलेक्टर अभिषेक सिंह ने तत्काल लगभग 100 बच्चों के ठहरने की व्यवस्था अपने निवास स्थल पर ही कर दी। गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों सहित उनके परिजनों को कलेक्टर सिंह के आवास के कमरों में ही ठहराया गया, जहां उनके भोजन आदि की समुचित व्यवस्थाएं की गई।
सीएम कमलनाथ ने भी शाबाशी दी
कलेक्टर सिंह ने कहा, "प्रत्येक गंभीर एनिमिक बच्चे का ब्लड ट्रान्सफ्यूजन किया जाएगा। इन बच्चों को जिला चिकित्सालय लाने, उनका ब्लड ट्रान्सफ्यूजन करने, रुकने, भोजन तथा वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर सिंह की पहल की मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सराहना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "सीधी में दस्तक अभियान के तहत बड़ी संख्या में इलाज कराने आए एनिमिक बच्चों को व उनके परिजनों को जिला अस्पताल में जगह कम पड़ने से अपने निवास पर ले जाकर ठहराना, उनकी भोजन की व वापस उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था करने का सीधी कलेक्टर का कार्य बेहद प्रशंसनीय है और सभी के लिए प्रेरक है।
अब सारा शहर बच्चों की मदद के लिए आगे आ गया
कलेक्टर ने एनिमिक बच्चों के लिए रक्तदान करने की अपील की है। इस अपील के चलते अधिकारी-कर्मचारी, स्वयंसेवी संगठनों, व्यवसायी, समाजसेवी, युवा सभी वर्ग के लोग रक्त दान कर रहे हैं, जिससे नौनिहालों की जान को किसी तरह का खतरा न रहे। इसी क्रम में बुधवार को 40 व्यक्तियों ने जिला चिकित्सालय में रक्तदान किया। बीते पांच दिनों में 250 से अधिक व्यक्तियों ने रक्तदान कर दस्तक अभियान में अपनी सहभागिता की है।