भोपाल। नगर निगम भोपाल ने बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। यहां आम आदमी की क्या, कमलनाथ जैसे फटाफट तबादला करने वाले मुख्यमंत्री की भी सुनवाई नहीं होती। सीएम हाउस में सूखे पेड़ को हटवाने के लिए मुख्यमंत्री को 15 दिन तक ना केवल इंतजार करना पड़ा बल्कि बार बार फॉलोअप भी करना पड़ा। पता चला है कि सीएम हाउस से कचरा कलेक्शन भी डेली नहीं होता।
सीएम सचिवालय नाराज हुआ तो AHO को सस्पेंड कर दिया
इस मामले में एएचओ आसिफ नजीर को निलंबित कर दिया गया है। सीएम कार्यालय में शेड के भीतर लगे सूखे पेड़ को हटाने के लिए 15 दिन पहले निर्देश दिए गए थे लेकिन कभी हाइड्रोलिक मशीन नहीं मिलने और कभी किसी अन्य प्रकार का बहना बनाकर काम को टाला जाता रहा। गुरुवार को सीएम सचिवालय के अधिकारी जब नगर निगम कमिश्नर पर भड़क गए तब पेड़ को हटवाया गया और फिर एएचओ आसिफ नजीर को सस्पेंड किया गया। इस दौरान पता यह भी चला है कि सीएम हाउस से कचरा कलेक्शन नियमित रूप से नहीं होता। ज्यादातर एक दिन छोड़कर और कई बार 2 या 3 दिन बाद कलेक्ट किया जाता है।
CM का आदेश नहीं सुनते, आम आदमी के आवेदन का क्या होता होगा
यह बताने की जरूरत नहीं कि नगर निगम में जब सीएम हाउस के आदेश का पालन नहीं होता तो आम आदमी के आवेदन का क्या होता होगा। साफ-सफाई नगर निगम का पहला काम है परंतु भोपाल में निगम के तहत अधिकारी और निर्वाचित पदाधिकारियों का फोकस टेंडर पर ही रहता है। फंड के पीछे छोड़ता नगर निगम अपना धर्म भूल चुका है।