भोपाल। सरकार को उनका वचन याद दिलाने के लिए प्रदेश भर के शिक्षकों का प्रांतव्यापी आंदोलन 25 जुलाई से भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। उक्त जानकारी समग्र शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष सुरेश चन्द्र दुबे ने आईसीएच न्यूमार्केट में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी।
सुरेश चन्द्र दुबे ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव के पूर्व अपने पार्टी के वचन पत्र में प्रदेश के शिक्षको की वर्षों से लंबित 9 में से 7 मांगो को शामिल किया था जिसमें प्राथमिकता के आधार पर सरकार बनने के 3 माह के अंदर 30 से 40 वर्ष से एक ही पद पर कार्य कर रहे पदोन्नति से वंचित प्रदेश के सहायक शिक्षकों, शिक्षकों को योग्यता और प्राप्त क्रमोन्नत वेतन आधार पर अगले पद का नाम देने का वादा किया था लेकिन संगठन के मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के बार बार आग्रह के बाद भी चुनाव के 7 माह बीत चुके है सरकार के रुख से नही लगता कि सरकार शिङकों को दिए गए अपने वचन के प्रति गंभीर है।
संगठन का आरोप है कि सरकार बदली है लेकिन पिछली सरकार में जमें प्रमुख अधिकारियों की विचारधारा नही बदली है। बडे अफसोस की बात है कि रिटायरमेंट के मुहाने पर खडे 40-45 वर्ष के अधिकतम सेवा अनुभव और योग्यता के बावजूद प्रदेश के पुराने शिक्षक आज भी पदोन्नति रुपी सम्मान से वंचित है जबकि प्रदेश के मूल विभाग के शिक्षकों से काफी सालों बाद स्कूलों में नियुक्त हुए अन्य संवर्ग को 2-2 पदोन्नति के अवसर देकर उन्हे पद में हमसे सीनियर बना दिया गया।
पुराने शिक्षक पदोन्नति के अभाव में विभाग में अपमान झेलने को मजबूर है पदनाम का प्रस्ताव पिछले शासनकाल में चंद शिक्षक विरोधी मानसिकता के अधिकारियों के कारण अटका हुआ है जबकि पदनाम के प्रकरण में सरकार के ऊपर एक रुपए का भी वित्तीय भार नही है शिक्षकों के पद अपग्रेड किए जाने के प्रस्ताव पर शिक्षा विधि और सामान्य प्रशासन विभाग भी हरी झंडी दे चुका है।
वर्तमान सरकार के दो दर्जन से अधिक माननीय मंत्री, विधायकगण भी लोकसभा चुनाव के पूर्व पदनाम मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री जी को अनुरोध पत्र लिख चुके है बावजूद इसके मुख्यमंत्री जी की नाक के नीचे कार्य कर रहे प्रमुख अधिकारी की जिद के कारण शिक्षकों के पदनाम के प्रकरण पर निर्णय नही हो पा रहा है जबकि बिना मांगे उच्च शिक्षा के पद पर चुपचाप अपग्रेड कर दिए गए। सरकार गैर उपेक्षा से दुखी होकर प्रदेश के सीनियर शिक्षकों को अपने स्वाभिमान को लेकर 25 जुलाई से आंदोलन को उतरने मजबूर होना पड रहा है।
हमारी प्रमुख मांगे है
1- कांग्रेस पार्टी के वचन पत्र की कडिका 47/18, 37/24 एवं 16 के अनुसार योग्यता और प्राप्त क्रमोन्नत वेतनमान के अनुरुप सहायक शिक्षकों को अगले पद का नाम दिया जाए इसके उपरांत ही नई भर्ती की जाए।
2- प्रदेश के अन्य विभागों के कर्मचारियों को 10,20,30 की सेवा अवधि पर समयमान योजना का लाभ दिया गया, जबकि शिक्षा विभाग के शिक्षकों को समयमान योजना से पूरी तरह वंचित कर दिया गया शिक्षक संवर्ग को 30 वर्ष की सेवा अवधि पर जो तीसरी क्रमोन्नत योजना का लाभ दिया गया वो भी विसंगतिपूर्ण है उल्लेखित विसंगति दूर करते हुए प्रदेश के शिक्षकों वचन पत्र कंडिका 47. 5 के अनुसार समयमान योजना का लाभ दिया जाये।
3- राज्य सरकार न्यायालय के निर्णय के अधीन सशर्त पदोन्नति शुरु करे ताकि पदोन्नति से वंचित शिक्षकों/ कर्मचारियों को रिटायरमेंट के पूर्व पदोन्नति का लाभ मिल सके।
4- पार्टी के वचन पत्र की कंडिका 47 .5 के अनुसार शिक्षक संवर्ग की छठवे वेतनमान से चली आ रही वेतन विसंगति को दूर करते हुए प्रचलित केन्द्रिय वेतनमान के अनुसार वेतन बैंड एवं ग्रेड पे में सुधार कर देय तिथी से संशोधित वेतनमान का लाभ दिया जाए।
5- एरिया एजुकेशन अधिकारी के शत प्रतिशत पद अनुभव योग्यता, और प्राप्त उच्चतर वेतन अनुसार शिक्षक संवर्ग की पदोन्नति से भरे जाएं।
6- शिक्षकों को प्रतिवर्ष 15 दिवस का अर्जित अवकाश दिए जाने के साथ ही उसके नगदीकरण की पूर्व व्यवस्था बहाल की जाए।
7- वचन पत्र के अनुसार अन्य राज्यों के समतुल्य प्रदेश के शिक्षकों को 4 स्तरीय वेतनमान स्वीकृत किया जाए।
8- सर्व शिक्षा के अकादमिक प्रतिनियुक्ति के पदो पर प्रदेश के शिक्षकों पर नीति विरुद्ध लागू किया गया आयु बंधन तत्काल समाप्त कर उन्हे योग्यता और अनुभव के आधार पर प्रतिनियुक्ति का अवसर प्रदान किया जाए।
9- अनुकंपा नियुक्ति पालिसी का सरलीकरण करते हुए मृतक शिक्षक के परिजनों को तत्काल इसका लाभ दिया जाए।