जबलपुर। संभागीय संयुक्त संचालक पद को लेकर शिक्षा विभाग में विवाद मच गया है। पुराने जेडीई बालाघाट केे दौरे पर हैं और ग्वालियर शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय से स्थानांतरण होकर दूसरे जेडीई जॉइनिंग करने शुक्रवार को शहर पहुंच गए। अब एक पद पर 2 अधिकारी हो गए हैं।
जेडी राजेश तिवारी का प्रशासकीय स्थानांतरण कर उन्हें इंदौर का जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है, लेकिन उन्हें अभी तक संभागीय कमिश्नर ने रिलीव नहीं किया और वह जेडी के रूप में ही अभी तक कार्य कर रहे हैं। इधर संभाग कमिश्नर की अनुमति के बिना ही ग्वालियर शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य आरके स्वर्णकार ने शहर में आमद दे दी। जिससे एक ही दिन जेडी की एक ही कुर्सी पर दो अधिकारी काम कर रहे थे।
पुराने जेडीई दौरे पर हैं
संभागीय कमिश्नर के निर्देश पर पुराने जेडीई राजेश तिवारी बालाघाट जिले के दौरे में है। जेडीई राजेश तिवारी दो दिन तक सरकारी स्कूलों की विजिट करेंगे साथ ही प्राचार्यों की बैठकर लेकर शैक्षणिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने क टिप्स देंगे।
राजेश तिवारी को रिलीव नहीं किया गया
बताया जाता है कि जब राजेश तिवारी स्थानांतरण होने के बाद उन्हें अभी रिलीव नहीं किया गया है, जिस कारण अभी जेडी की कुर्सी उन्हीं के नाम से पहचानी जाती है, इसी बीच ग्वालियर में शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय में प्राचार्य के रूप में पदस्थ आरके स्वर्णकार ने वहां से रिलीव होकर संभागीय संयुक्त संचालक के पद पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और पदभार ग्रहण करने के बाद ही इसकी जानकारी आयुक्त लोक शिक्षण एवं संभागायुक्त को दी।
चार्ज तो देना ही पड़ेगा
जेडीई की कुर्सी संभालने पहुंचे आरके स्वर्णकार का कहना है कि शासन ने नियमानुसार उनका ट्रांसफर जबलपुर संभागीय संयुक्त संचालक के पद पर किया है। ऐसी स्थिति में पुराने जेडीई को चार्ज तो देना ही होगा अब इसके लिए भले ही वो कितना टाइम लगाए।