ड्राइवर की जान बचाने 2 अधिकारियों ने मजदूरों की तरह स्ट्रेचर उठाया | MP NEWS

Bhopal Samachar
अशोकनगर। ज्यादातर अधीनस्थ कर्मचारी अपने रिपोर्टिंग अधिकारी को अपना शत्रु मानते हैं। उनका आरोप होता है कि अधिकारी उनका शोषण कर रहे हैं, उन्हे प्रताड़ित किया जा रहा है परंतु यहां एक ऐसा नजारा सामने आया जहां अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारी की जान बचाने के लिए अपनी शान की परवाह किए बिना मजदूरों की तरह काम करता नजर आया। बिजली कंपनी के जेई और एई ने कंपनी के ड्राइवर की जान बचाने के लिए वार्डबाॅय की तरह स्ट्रेचर को अपने कंधे पर उठाया। 

पत्रकार श्री मुकेश मिश्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्वालियर निवासी पदस्थ ड्राइवर रामू बघेले की बीती रात अचानक तबीयत खराब हो गई। उनको रात में ही मेल वार्ड में भर्ती कराया गया लेकिन सुबह जब डॉक्टर मनीष चौरसिया राउंड पर आए तो मरीज की हालत बिगड़ते देख उन्होंने रामू को आईसीयू वार्ड में तत्काल भर्ती कराने के लिए कहा। वहां मौजूद कंपनी के एई प्रवीण तिर्की और जेई नरेन्द्र प्रताप ठाकरे ने वार्ड नर्स से स्ट्रेचर मांगा तो उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर आपको नीचे से लाना पड़ेगा।

मौके पर मौजूद नहीं थे वार्ड ब्वॉय 

मौके पर वार्ड बॉय नहीं था। दोनों अधिकारी नीचे गए और स्ट्रेचर लिफ्ट में रखा तो उसमें मौजूद दो नर्सों ने लिफ्ट से स्ट्रेचर ले जाने की अनुमति नहीं दी। सामान्यतः ऐसी स्थिति में लोग हंगामा कर देते हैं परंतु दोनों अधिकारियों ने सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाने से पहले अपने कर्मचारी की जान बचाने की कोशिश को प्राथमिकता दी। दोनों अधिकारियों ने अपने कंधे पर स्ट्रेचर लादा और दो मंजिल तक चढ़ाकर तत्काल भर्ती मरीज को वापस रैंप से लाकर आईसीयू में भर्ती कराया। 

बताया गया है कि अस्पताल में वार्ड बॉय और आया की संख्या करीब 20 है। जिन्हे वेतन दिया जाता है परंतु अस्पताल में मरीजों की सहायता के लिए यह स्टाफ कभी आगे नहीं आता। कहा यह भी जा रहा है कि वार्ड बॉय और आया के पद पर दर्ज किए गए कर्मचारियों से डाॅक्टर दूसरे निजी काम ले रहे हैं। इनकी भर्ती में भी गड़बड़ी हुई है। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!