श्रावण मास बारिश की रिमझिम फूहारों के साथ देवाधिदेव महादेव की आराधना का मास है। बारिश की बरसती बूंदें प्रकृति के श्रृंगार के साथ शिव का जलाभिषक भी करती है। सावन मास की अवधि 30 दिनों की होती है लेकिन ज्यादातर ऐसा नहीं होता कि महादेव की आराधना का मास पूरे दिन दिन की अवधि का रहे। अक्सर या तो कोई तिथि क्षय हो जाती है या फिर किसी तिथि में वृद्धि हो जाती है। लेकिन इस बार सावन मास पूरे 30 दिनों का है। शिवभक्त तीस दिनों तक शिव उपासना कर सकेंगे।
सावन में होगा चार सोमवार का संयोग
17 जुलाई से शुरू हो रहे सावन महीने में चार सोमवार आ रहे हैं और चारों सोमवार को विशेष संयोग बन रहे हैं। इस साल सावन मास में कृष्ण पक्ष में द्वितीया तिथि की वृद्धि हो रही है। इसलिए द्वितीया तिथि दो दिनों 18 और 19 जुलाई को रहेगी। इसी तरह से सावन शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि का क्षय है। इस तरह से एक तिथि के क्षय और एक तिथि की वृद्धि से सावन महीना पूरा तीस दिनों का हो जाएगा।
बनेगें सोम प्रदोष और स्वार्थ सिद्धि योग
इस बार सावन मास में चार सोमवार आ रहे हैं, जो क्रमश: 22 जुलाई, 29 जुलाई, 5 अगस्त और 12 अगस्त को हैं। 22 जुलाई को पहले सोमवार को मरुस्थली नाग पंचमी है। 29 जुलाई के दिन दूसरे सोमवार को सोम प्रदोष के साथ स्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। 5 अगस्त को तीसरे सोमवार के अवसर पर देशाचारी नागपंचमी है। 12 अगस्त को अंतिम सोमवार को सोम प्रदोष है।
इस बार सावन में 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि सूर्य संक्रांति यानी कर्क राशि में सूर्य के प्रवेश होने के साथ के साथ सावन की शुरुआत हो रही है। सावन के पहले दिन सूर्य राशि बदलकर अपने मित्र ग्रह मंगल के साथ आ जाएंगे। मकर राशि के चंद्रमा का मंगल के साथ दृष्टि संबंध होने से महालक्ष्मी योग बनेगा। कुल मिलाकर सावन में दुर्लभ और शुभ योगों का सृजन हो रहा है।