सावन का दूसरा सोमवार प्रदोष व्रत को साथ लेकर आ रहा है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार प्रदोष, शिव जी की उपासना तिथि है। अलग अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग अलग होती है। सावन में सोम प्रदोष का अदभुत संयोग जीवन की हर मनोकामनाओं को पूरा कर सकता है।
सोम प्रदोष व्रत करने से क्या लाभ होगा
इस दिन उपवास रखकर शिव जी की पूजा और मंत्र जाप किये जाएं तो आर्थिक तथा पारिवारिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। अगर संतान से सम्बंधित कोई समस्या है तो इस दिन पूजा उपासना से विशेष लाभ लिया जा सकता है। प्रदोष के दिन शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करना सर्वोत्तम होता है। इस बार सावन का दूसरा सोमवार और प्रदोष 29 जुलाई को आ रहा है।
सोम प्रदोष की सामान्य पूजा विधि-
- सोम प्रदोष के दिन प्रातः काल स्नान करके श्वेत वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद शिव जी को जल और बेल पत्र अर्पित करें।
- उनको सफ़ेद वस्तु का भोग लगायें।
- शिव मंत्र "नमः शिवाय" का जाप करें।
- रात्रि के समय भी शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जप करें।
- इस दिन जलाहार और फलाहार ग्रहण करना उत्तम होगा। नमक और अनाज का सेवन न करें।
सावन के सोमवार के प्रयोग: संतान प्राप्ति के लिए
- शिव जी का शक्कर मिले हुए जल से अभिषेक करें।
- जल की धारा शिवलिंग पर डालते जाएँ और रुद्राष्टक पढ़ते जाएँ।
- शिव जी से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें।
- ये प्रयोग पति-पत्नी एक साथ करें तो ज्यादा उत्तम होगा।
अगर संतान के स्वभाव और उसकी आदतों का दुःख हो-
- शिव परिवार की संयुक्त पूजा करें।
- एक ही बड़ी सी माला पूरे परिवार को पहना दें।
- इसके बाद रुद्राक्ष की माला पर "ॐ आशुतोषाय नमः" का जाप करें।
- ये प्रयोग हर सोमवार का करना उत्तम होगा।
अगर धन-संपत्ति की या आर्थिक समस्या हो
- शिव जी को 108 बार दूर्वा अर्पित करें।
- हर बार दूर्वा अर्पित करते समय "ॐ दारिद्रय दुःख दहनाय नमः शिवाय" कहें।
- आपकी धन सम्बन्धी समस्या अवश्य दूर होगी।
अगर मुकदमे या कर्जे परेशान कर रहे हों
- शिवलिंग पर कुश अर्पित करें।
- इसके बाद शिवलिंग पर जल धारा अर्पित करें।
- "ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः शिवाय" का 108 बार जाप करें।
- ये प्रयोग हर सोमवार को करे।
अगर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य बिलकुल ठीक न हो रहा हो
- एक लोटे में जल भर लें।
- बीमार व्यक्ति के सर से लोटे का जल वार लें।
- इस जल को शिवलिंग पर चढ़ाएं।
- लगातार एक सप्ताह तक ये प्रयोग करें।