उज्जैन। अगर आप इस साल कोई शुभ कार्य आरंभ नहीं कर पाए हों तो इस गुप्त नवरात्रि में कर सकते हैं। देवशयनी एकादशी से पहले नवरात्रि में शुभ कार्यों के लिए सात श्रेष्ठ मुहूर्त आ रहे हैं। इस बार नवरात्रि में विशिष्ट योग बन रहे हैं, जो इसकी शुभता को बढ़ाएंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर तीन जुलाई से आरंभ होगी। इस दौरान चार बार रवियोग, दो बार सर्वार्थसिद्धि योग व एक बार गुरु पुष्य नक्षत्र का योग बनेगा। इस अवधि में गृह प्रवेश, गृह आरंभ व खरीदी सहित कोई भी शुभ कार्य किया जा सकेगा।
गुरु पुष्य के दौरान सोना-चांदी, भूमि, भवन, वाहन व इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की खरीदी शुभ रहेगी। नवरात्रि के बाद 12 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसके साथ ही चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। चार माह तक कोई भी शुभ कार्य नहीं कर पाएंगे।
गुप्त नवरात्रि आठ दिन की
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि आठ दिन की रहेगी। सप्तमी का क्षय होने के कारण यह स्थिति बनेगी। 3 जुलाई को बुधवार के दिन पुनर्वसु नक्षत्र व धरुव योग की साक्षी में नवरात्रि का आरंभ होगा।
अवंतिका में खास महत्व
महाकाल की नगरी अवंतिका में गुप्त नवरात्रि का खास महत्व है। यहां शक्तिपीठ मां हरसिद्धि विराजित हैं। साथ ही नगर में कई प्राचीन देवी मंदिर हैं। गुप्त नवरात्रि में यहां साधक मंत्र, तंत्र और यंत्र की साधना करते हैं।
जानिए किस तिथि पर कौन सा योग
रवियोग : 5, 8, 9 व 10 जुलाई
सर्वार्थसिद्धि योग: 4 व 7 जुलाई
गुरु पुष्य नक्षत्र : 4 जुलाई