ग्वालियर। स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहनो के खिलाफ परिवहन विभाग द्वार हर रोज चेकिंग की जा रही है लेकिन इसके बाद भी खामियां वाहन चालक दूर नहीं कर रहे हैं। गुरुवार को शहर के प्रमुख चौराहों पर मजिस्ट्रेट आकर जब वाहनों को चेक करने बैठे तो उन कमियों को गिनाना शुरू कर दिया जो ट्रैफिक पुलिस परिवहन विभाग के अधिकारियों को नजर ही नहीं आती हैं।
आज अभियान शुरू हुआ तो एक के बाद एक वाहनों की कतारें लगती चली गईं और चेकिंग कर रहे अधिकारी तुरंत ही चलानी कार्रवाई कर वाहन चालकों से जुर्माना वसूल रहे थे। जो वाहन चालक जुर्माना नहीं दे पा रहे थे उनके दस्तावेज जमा किए गए। एक घंटे चली चेकिंग में 300 से ज्यादा बसों से लेकर ऑटो तक के चालान किए गए, लेकिन सबसे ज्यादा बसें टारगेट पर रहीं। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा स्कूल खुलने के बाद हर रोज चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इस अभियान की खानापूर्ति कर निपटा दिया है। न्यायालय में फटकार के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वह वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं और वाहन नियमानुसार चल रहे हैं, लेकिन आज सुबह जब चौराहों पर मजिस्ट्रेटों ने चेकिंग की कमान संभाली तो हर वाहन में खामियां नजर आईं, किसी में निर्धारित संख्या से ज्यादा बच्चे बैठे मिले तो कई वाहन चालकों पर दस्तावेज ही नहीं थे। बस चालक बसों को बंद पड़े सीसीटीवी, जीपीएस के चलाते मिले तो कई बसों में चालकों पर वर्दी और लाइसेंस नहीं थे। चेकिंग के दौरान इन सभी वाहनों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई।
बच्चों को छुड़वाया स्कूल
चेकिंग के दौरान कई बसों में दस्तावेज नहीं मिले और निर्धारित संख्या से ज्यादा बच्चे बैठे हुए थे। नदी गेट पर चेकिंग कर रहे मजिस्ट्रेट अनिल नामदेव, राममनोहर दांगी, संजय जैन, पुष्पेंद्र कुमार ने जब बच्चों की संख्या गिनी और दस्तावेज पूरे नहीं मिले तो उन्होंने बच्चों से कहा कि वह निर्धारित संख्या में ही वाहनों में बैठा करें, इस दौरान बच्चों को मजिस्ट्रेट ने तुरंत पुलिसकर्मियों को बस में बैठाकर स्कूल के लिये रवाना किया और बस जब बच्चों को छोडक़र वापस आई तो थाने में रखवा दिया।
रास्ते में छोडक़र भागे
वाहन चालकों को चेकिंग की खबर लगी तो वह कई बच्चों को रास्ते में ही उतारकर भाग गए तो कई वाहन चालकों ने चेकिंग से बचने के लिये अभिभावकों को फोन लगाकर सूचना दे दी। बच्चों को रास्ते में उतारने के बाद अभिभावकों को परेशान होना पड़ा और वह बच्चों को स्कूल तक छोडऩे के लिये पहुंचे। सुबह जैसे ही स्कूल वाहन चालकों को खबर लगी कि मजिस्ट्रेट चेकिंग शुरू हो गई है तो वह बच्चों को स्कूल ले जाने के बजाए वापस लौट आए।
संख्या से ज्यादा बैठे मिले बच्चे
शहर के अधिकांश चौराहों पर जैसे ही मजिस्ट्रेट चेकिंग शुरू हुई तो चेकिंग में तैनात पुलिसकर्मियों ने स्कूली वाहनों को रोकना शुरू कर दिया, वाहनों में बच्चे बैठे हुए थे चेकिंग के दौरान बसों में 40 से ज्यादा बच्चे बैठे मिले तो मिनी बस में 30 से ज्यादा बच्चे और ऑटो में 5 से ज्यादा बच्चे मिले जिनके खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई, इसके साथ ही कई वाहनों में खामियां थीं जिनके खिलाफ भी कार्रवाई हुई।