जबलपुर। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (Madhya Pradesh Medical Science University, Jabalpur - MPMSU) में प्रदेशभर के 40 नर्सिंग छात्रों का फर्जी प्रवेश हुआ। कॉलेजों में इन छात्रों को सीट आवंटित नहीं हुई थी। इसके बावजूद आवंटित तय सीट से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा दी। यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.विजयलक्ष्मी साधो ने विधानसभा में लिखित दी। विधायक विनय सक्सेना ने इस संबंध में प्रश्न लगाया था।
मंत्री ने बताया कि दरअसल यूनिवर्सिटी ने 2017-18 में ऑनलाइन नामांकन आवेदन जमा किए। ये काम निजी फर्म मेसर्स रीको न्यासा द्वारा किया गया। समय-सीमा में काम नहीं करने की वजह से उक्त फर्म का टेंडर निरस्त कर दिया गया। अनुबंध समाप्त होने पर कंपनी ने यूनिवर्सिटी को नामांकन के डाटा नहीं उपलब्ध करवाए। बाद में यूनिवर्सिटी को ऑफलाइन आवेदन कॉलेजों से बुलाने पड़े। प्राचार्यों से प्रमाणीकरण के पश्चात आवेदन पत्र बुलाकर परीक्षा ली गई।
इस संबंध में शिकायत के पश्चात जांच हुई। जिसमें प्रेस्टन कॉलेज ऑफ नर्सिंग ग्वालियर में 10, द एकेडमी ऑफ नर्सिंग साइंस 10, माधवी राजे नर्सिंग कॉलेज मुरैना में 20 विद्यार्थी आवंटित सीट से ज्यादा परीक्षा में शामिल हुए।
उक्त सभी विद्यार्थियों का यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद के निर्णय के बाद परीक्षाएं अमान्य की गई है। मंत्री ने बताया कि यूनिवर्सिटी में परीक्षा नियंत्रक के पद पर वर्तमान में कोई भी विभाग द्वारा पदस्थ नहीं है। योग्य आचार्य उपलब्ध होने तक अस्थाई प्रभार दिया गया है। फिलहाल परीक्षा नियंत्रक द्वारा किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है।