भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से कांग्रेस ने अपने वचन पत्र (घोषणापत्र) में प्रदेश के युवाओं को चार हजार रुपए तक का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। अब अपने इस वचन से प्रदेश की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार विधानसभा में मुकर गई है।
मध्य प्रदेश के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की सरकार की फिलहाल कोई योजना और नीति नहीं है। सरकार द्वारा युवा स्वाभिमान योजना, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा आईटीआई एवं पॉलीटेक्निक के माध्यम से कौशल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त जॉब फेयर योजना के तहत रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है जहां उन्हें निजी क्षेत्र द्वारा रोजगार के लिए चयनित किया जाता है।
ये जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायक मुन्नालाल गोयल के प्रश्र के लिखित जवाब में दी। विधायक रमेश मेंदोला के एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जानकारी दी कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सेवाओं के विस्तार के लिए जिला स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र विकसित कर एक लाख बेरोजगारों को 5 वर्ष अवधि का रियायती ब्याज दर पर ऋण बैंकों से उपलब्ध करवाने का उल्लेख वचन पत्र में है।
जनवरी 2019 से जून 2019 तक तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अधीन पंजीकृत संस्था मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के अंतर्गत आईटी, आईटीईएस सेक्टर में 826 युवाओं एवं 367 बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जॉब फेयर योजनान्तर्गत नियुक्ति के लिए चयनित रोजगार उपलब्ध कराया गया।