ट्रायबल विभाग ने 452 शिक्षकों को एजुकेशन विभाग में प्रतिनियुक्ति में जाने की दी अनुमति | MP EMPLOYEE NEWS

भोपाल। अध्यापक से शिक्षक के नवीन केडर में आए जिन शिक्षकों नें MPTAAS पोर्टल से ऑनलाइन ट्रांसफ़र का आवेदन किया था उन्हें ट्रायबल विभाग ने ट्रायबल विभाग से एजुकेशन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष डी के सिंगौर ने विभाग की प्रंशसा करते हुए बताया कि विभाग ने पूरी ईमानदारी के साथ शिक्षा विभाग से अव्वल रहते हुए अब तक आवेदन करने वाले 452 शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति में जाने की अनुमति दी है। जिसमें 45 उच्च माध्यमिक शिक्षक, 126 माध्यमिक शिक्षक व 281 प्राथमिक शिक्षक शामिल हैं। 

जिन इच्छुक शिक्षकों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है वे 10 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। प्रतिनियुक्ति की अनुमति के उपरांत अब पदस्थापना की कार्यवाई एजुकेशन विभाग को करना है। यद्दपि एसोसिएशन की मांग है कि प्रतिनियुक्ति के स्थान पर विभाग में सीधे सन्विलयन की कार्यवाही होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि अध्यापक पूर्व में स्थानीय निकाय के कर्मचारी थे उनकी नियुक्ति में कहीं भी ट्रायबल और एजुकेशन उल्लेख नहीं रहा है। इसलिए नये केडर में नियुक्ति करते समय ट्रायबल और एजुकेशन विभाग में जाने का विकल्प दिया जाना चाहिए था। चूंकि नियुक्ति के समय विकल्प नहीं दिया गया इसलिए अब शिक्षकों को इच्छुक विभाग में सन्विलयन की प्रक्रिया द्वारा स्थानांतरण का मौका मिलना चाहिए। 

यहां पर शिक्षकों के मामले में परिस्थतियां भिन्न है। प्रतिनियुक्ति से वापिस होने का कोई विषय ही नहीं है लंबे समय से घर परिवार से दूर रहने वाले शिक्षक अब अपने गृह जिले में ही सेवा देना चाहते है विवाह के बाद पति पत्नी अपनी पत्नी और पति के साथ रहते हुए सेवा देंगे । इसलिए पूर्व पदस्थापना पर वापिसी के अवसर कम ही हैं ।  यद्दपि अधिकारियों ने एसोसिएशन को मौखिक चर्चा में अवगत कराया है कि एक बार सन्विलयन का अवसर दिया जायेगा ।ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक सुरेश यादव ने बताया कि कई शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन इसलिए नहीं किये  हैं क्योंकि  ट्रायबल से एजुकेशन स्थानान्तरण के लिए आवेंदन करते समय जिला और स्कूल नजर नही आ रहे हैं। सिर्फ विभाग बदलने का ही विकल्प दिखाई देता है। साथ ही दूसरे विभाग में पारस्परिक आवेदन नही हो रहे हैं। कारण यह है कि दोनों ही वेब साइट अलग अलग है। 

गलतफहमी में  शिक्षक दूसरे विभाग की वेब साइट पर आवेंदन कर रहे है। जबकि जो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं तो एजुकेशन पॉर्टल पर और जनजातिय कल्याण विभाग में कार्यरत हैं तो ट्रायबल पॉर्टल पर आवेदन करना है। वर्तमान में जारी कार्यवाही में विभाग बदलने पर जिला और विद्यालय के विकल्प चयन नही किये जा सकते हैं। सिर्फ विभाग का ही चयन किया जा सकता है। क्योंकि विभाग बदलने पर प्रतिनियुक्ति प्रदान कि जायेगी यह प्रतिनियुक्ति सामान्य प्रशासन विभाग के 29 फरवरी 2008 के नियमानुसार की जाएगी।

इसके अनुसार मूल विभाग की सहमति के पश्चात ही नियुक्ति देने वाला विभाग आदेश जारी कर के जिला व संस्था में पदस्थापना आदेश जारी करेगा और  उसके बाद  मूल विभाग कार्यमुक्ति हेतु आदेश जारी करेगा । प्रतिनियुक्ति के पूर्व विभागीय जांच आदि की जानकारी मांगी जाएगी ।2008 के नियमानुसार यह प्रतिनियुक्ति 04 वर्ष के बाद भी जारी रह सकेगी इसके लिए दोनो विभाग आपस मे सहमति बनाकर प्रतिनियुक्ति अवधी में वृद्धि कर सकते हैं कार्य सन्तोषजनक नही होने पर समय पूर्व प्रतिनियुक्ति समाप्त की जा सकती हैं। 4 वर्ष की प्रतिनियुक्ति पश्चात सन्विलयन  की कार्यवाही की जा सकती है।

विभाग बदलने की स्थिति में पारस्परिक स्थानातरण के आवेदन नही किये जा सकते हैं ।सिर्फ विभाग अंदर पारस्परिक आवेंदन किये जा सकते हैं। नीति के अनुसार शिक्षा विभाग और जनजातिय कार्य विभाग में संचालित विशिष्ट संस्थाओं में प्रशासकीय स्थान्तरण नही किये जा सकेंगे ।आशय यह कि वँहा किसी को भेजा नही जा सकता है। परंतु वँहा से निकलने के लिए स्वेच्छिक आधार पर आवेंदन कर सकते हैं। एसोसिएशन के प्रांत संयोजक ग्रुप के मनीष पवार, मुकेश पाटीदार और अरुण कुशवाह ने बताया कि शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रांसफर का आवेदन करने में गलत मोबाइल नम्बर फीड होने से, स्कूलों में रिक्त पदों की गलत जानकारी होने से, ऑनलाइन के निर्देश बाद में जारी होने से दिक्कत हो रही है। अतः एसोसिएशन ने विभाग से मांग की है कि ऑनलाइन ट्रांसफर के साफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करते हुए लॉक आवेदन को एडिट करने की सुविधा दी जाए।

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