भोपाल। राज्य में अब तक 7 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें सर्वाधिक बारिश रतलाम में 538.7 मिली दर्ज की गई है, जो सामान्य से 232.4 अधिक है। जबकि प्रदेश के 18 जिलों में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसमें सबसे कम बारिश 189.4 मिली सीधी में दर्ज की गई है, जो सामान्य से 202 कम है।
स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार, प्रदेश में अब तक रतलाम, नीमच, झाबुआ, मुरैना, इंदौर, उमरिया एवं मंदसौर जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में बारिश की स्थिति सामान्य है। किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं बनी है। हालांकि गुरुवार को सागर, इंदौर और शिवपुरी में बारिश हो रही है। शिवपुरी रात से ही पानी गिर रहा है, जिससे नदियां, तालाब, नदी-नाले भर गए हैं।
प्रदेश के 25 जिलों उज्जैन, भिंड, दमोह, बड़वानी, खंडवा, धार, ग्वालियर, शाजापुर, दतिया, शिवपुरी, अलीराजपुर, जबलपुर, रायसेन, मंडला, राजगढ़, डिंडौरी, सतना, रीवा, सिंगरौली, नरसिंहपुर, सीहोर, बुरहानपुर, भोपाल, खरगोन एवं आगर-मालवा सामान्य बारिश मापी गई है।
कमजोर पड़े मानसून के फिर सक्रिय होने के आसार
राज्य में कमजोर पड़े मानसून के एक बार फिर सक्रिय होने के आसार बनने लगे हैं। यही कारण है कि गुरुवार की सुबह से आसमान पर बादलों का डेरा है, जिससे गर्मी का असर कम है। बीते 24 घंटों के दौरान भी कई स्थानों पर बौछारें पड़ी हैं, जिससे तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दवाब का क्षेत्र बन रहा है, जिससे आगामी दिनों में बारिश की संभावना बढ़ गई है।
10 साल बाद जुलाई अंत में तालाब का लेवल सबसे कम
मानसून की बेरुखी का असर शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बड़े तालाब पर सबसे ज्यादा पड़ा है। अभी इसका जल स्तर 1652.35 फीट ही है। यह फुल टैंक लेवल 1666.80 से 14.45 फीट कम और डेड स्टाेरेज लेवल 1652.00 फीट से सिर्फ 0.35 फीट ही ज्यादा है। इससे पहले 2009 में भी ऐसी ही स्थिति थी। तब नगर निगम प्रशासन काे शहर में एक दिन छाेड़कर पानी सप्लाई का फैसला करना पड़ा था। इस बार भी तालाब से 30 की जगह सिर्फ 19 एमजीडी पानी लिया जा रहा है।