सीधी। शासकीय विद्यालयों में स्वीकृत शैक्षणिक पदों के अनुरूप रिक्त पदों को अतिथि शिक्षकों से भरने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने अगस्त 2016 को आनलाइन रजिस्ट्रेसन करने के आदेश आदेश निकाला था। अतिथि शिक्षको को ऑनलाइन आवेदन करना था ।जिससे सत्र 2018-19 मे नियुक्ति की गई थी।
उसी तरह इस साल भी जनवरी फरवरी से मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली लागू कर दी है। जिस भी शिक्षक को सरकारी स्कूल में अध्यापन करवाना हैं वो अपने दस्तावेज लेकर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते थे। इसके लिए अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली की अधिकारीक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा था।जिसका संकुल प्राचार्यो द्वारा दस्तावेज सत्यापन किया जाता था और रिक्त पद वाली स्कूल में भेजा जाना था।
जहाँ अभ्यर्थी संस्था प्रधान के पास अपने मूल दस्तावेजों के साथ उपस्थिति दर्ज करवा सकता था। लेकिन जिले के संकुल प्राचार्यो द्वारा डीडीओ लागिन आई डी कम्प्यूटर सेंटर मे देकर अपने आपको इस कार्य से मुक्त कर लिया जहा अतिथि शिक्षको के दस्तावेजों के मूल प्रति को देखकर उनके दस्तावेजों का सत्यापन करना था लेकिन कम्प्यूटर सेंटर वालो ने अतिथि शिक्षक के आवेदको से मोटी रकम वसूल कर उनके दस्तावेजों का सत्यापन बिना मूल प्रति देखे ही कर दिया गया । और अपात्र अतिथि शिक्षक आवेदको को भी पात्र बना दिया । यह किसी एक संकुल प्राचार्य द्वारा नही बल्कि पूरे जिले के संकुल प्राचार्यो द्वारा किया गया है इससे एक कहानी अंधेरे नगरी चौपट राजा चरितार्थ हो गई।
बता दे के शासन ने शासकीय स्कूलों व प्राइवेट स्कूलों के नियमित शिक्षको के लिये नेशनल स्कूल ऑफ ओपेन स्कूलिंग (एनआईओएस) के जरिये डीएलएड की डिग्री प्राप्त करने के लिए योजना तैयार किया जिसका चौथा सेमेस्टर की परीक्षा कुछ महीने पहले हुई व रिजल्ट घोषित हाल ही मे हुआ है , और उसकी अंकसूची की मूल प्रति अभी तक नही आई है लेकिन कम्प्यूटर सेंटर वालो ने अतिथि शिक्षक के आवेदको के स्कोर कार्ड मे एनआईओएस डीएलएड को सत्यापित कर दिया।
अब स्कूलो मे भी हो रही ज्वनिग
सत्यापित हुये स्कोर कार्ड के अनुसार स्कूलों मे भी NIOS से डीएलएड को सही मानकर अतिथि शिक्षक आवेदको को ज्वानिग दी जा रही है। जबकि मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 4 जुलाई को जारी आदेश के बिन्दु क्रमांक 3 के 3.1.1 मे भी निर्देश दिया गया है कि अतिथि शिक्षको को ज्वाइन कराने से पहले उनके स्कोर कार्ड को उनके मूल दस्तावेजों से मिलान करे लेकिन आजकल जिले के शिक्षा विभाग मे अंधेरे नगरी चौपट राजा जैसे ही हाल है। क्योकि स्कूलों के प्राचार्य व प्रधानाध्यापक भी बिना मूल दस्तावेजों का मिलान किये ही नियुक्ति दे रहे है । अतिथि शिक्षक संघ इस प्रकार अपने कार्य के प्रति लापरवाही न बरतने के लिये व अपने कार्य मे सुधार करने के लिये निर्देशित करने की मांग ज़िला शिक्षा अधिकारी से करता है।