छतरपुर। अतिथि शिक्षकों के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष छतरपुर जिले अध्यक्ष राजकुमार कुशवाहा ने कहा सरकार अपना वादा निभाए। जल्द अतिथि शिक्षकों की स्थाई नीति बनाकर गुरु जी की तरह विभागीय परीक्षा लेकर जल्द करे। नियमित नही किया तो मध्यप्रदेश के सभी जिलों में व्यापक आंदोलन होगा।
आपको बता दे कि कमलनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव के पूर्व अतिथि शिक्षकों के साथ बतौर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मीटिंग की थी और भरोसा दिया था कि हमारी सरकार बनते ही 3 माह के अंदर न्याय करेंगे। गुरु जी की तरह नियमित करेंगे। लेकिन अभी हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की भर्ती में पुराने अनुभवी अतिथि शिक्षकों को जो कई वर्षों से सेवाएं दे रहे थे बाहर किया जा रहा।
विभाग द्वारा बनाये पोर्टल में अचानक विज्ञान, हिंदी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान विषयों के पद लॉक कर दिए गए हैं। जिससे ज्वाइन कर चुके व कार्यरत अतिथि शिक्षकों की इंट्री पोर्टल में दर्ज नही हो पा रही। जिसके चलते मिडिल स्कूलों के अतिथि शिक्षकों को स्कूल आने के लिये मना किया जा रहा है, जिससे मिडिल स्कूलों में विषय मान मिलने वाले शिक्षकों की भर्ती न होने से पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
यह भी एक कारण है अतिथि शिक्षकों कि आक्रोश का
वर्तमान सरकार ने गलत तरीके से पिछले वर्ष सिर्फ 3 माह कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों को 25 अंक दे दिए हैं जबकि जिन अतिथि शिक्षकों ने 10 सेवा दी पिछले वर्ष नही भर्ती हो पाया सरकार की ही गलत नीति कारण उसे अनुभव का कोई लाभ नही मिला। क्योंकि यदि पिछले वर्ष अनुभव के अंक मिलते तो पुराने अतिथि शिक्षक बाहर नही होते। सरकार बोनस अंकों को सत्र वाईज देती जिससे सीनियर अतिथि शिक्षक को ज्यादा अंक मिलते उसे पहले मौका मिलता।