भोपाल। मां का दूध हर नवजात शिशु के लिए अतिआवश्यक होता है लेकिन यह हर किसी के नसीब में नहीं होता। कारण कई होते हैं परंतु कभी कभी ऐसा हो जाता है कि नवजात शिशु को मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता परंतु अब कम से कम भोपाल में ऐसा नहीं होगा। जेपी अस्पताल में अगस्त के पहले सप्ताह में क्राॅस मदर मिल्क बैंक शुरू हो जाएगा। यहां से हर जरूरतमंद नवजात शिशु को मां का दूध मिल सकेगा।
रक्तदान की तरह दुग्धदान करेंगी माताएं
यहां पर कोई भी मां मिल्क डोनेट कर सकेंगी। डोनेट किए मिल्क को माइनस 20 डिग्री पर स्टोर किया जा सकेगा, जो छह माह तक सुरक्षित रहेगा। क्रॉस मदर मिल्क बैंक में महिला वालेंटियर को तैनात किया जाएगा। ये वालंटियर मिल्क डोनेशन करने वाली महिला के घर जाएंगे और ब्रेस्ट पंप के सहारे मिल्क कलेक्ट करेंगे। साथ ही मिल्क बैंक में आकर भी महिलाएं मिल्क डोनेट कर सकेंगी। डिलीवरी वार्ड में भर्ती महिलाएं भी मिल्क डोनेट कर सकेंगी।
दुग्धदान महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है
डोनेशन के पहले महिला की काउंसलिंग की जाएगी और उन्हें इसके फायदे बताए जाएंगे। यह भ्रम भी दूर किया जाएगा कि जैसे ब्लड डोनेट करने से ब्लड कम नहीं होता है, उसी तरह मदर का मिल्क डोनेट करने से यह कभी कम नहीं होता, बल्कि यह और तेजी से बनता है। जेपी अस्पताल के विशेषज्ञों ने बताया कि यहां पर बैंक शुरू होने से उन नवजातों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जिनकी मां या तो जन्म देने के बाद नहीं रही या फिर बच्चा कमजोर है जो मां का दूध पीने की स्थिति में नहीं है।
प्राइवेट अस्पताल में भी दिया जाएगा
क्राॅस मदर मिल्क बैंक में एक मां का दूध दूसरी मां के बच्चे को दिया जा सकेगा। खास बात यह है कि यहां से जरूरतमंद उन नवजातों को मिल्क पहुंचाया जाएगा, जिनका इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है। पाथ संस्था के इंजीनियर प्रवीण कुमार ने बताया कि यहां पर माइनस 20 डिग्री पर मिल्क को स्टोर किया जा सकता है।
प्रीमेच्योर बेबी के लिए दवा से भी ज्यादा जरूरी है मां का दूध
जेपी अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभा खोत ने बताया कि कोई भी मां यहां पर आकर स्वेच्छा से मिल्क डोनेट कर सकेंगी। मिल्क डोनेशन से पहले मां की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद डोनेट हुए मिल्क की माइक्रोबायलॉजिकल जांच की जाएगी। इसके बाद ही यह मिल्क नवजात को दिया जाएगा।
मष्तिक के विकास में लिए बहुत जरूरी है मां का दूध
उन्होंने बताया कि मां के दूध में अनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो मष्तिक के विकास में लिए बहुत जरूरी है। मां का दूध बच्चे के लिए एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। प्रीमेच्योर बच्चे के लिए मां का दूध दवा से भी ज्यादा जरूरी है। जेपी अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती 20 में से 15-16 बच्चों को मिल्क बैंक की मदद से मां का दूध दिया जाता है। इनमें से ज्यादातर बच्चेप्रीमेच्योर होते हैं। अभी यहां सिर्फ तीन माह तक दूध स्टोर करने की सुविधा है।