भोपाल। मृतक के भाई ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है। इस कारण पुलिस युवक की लाश को लावारिस मानकर दफनाने की तैयारी कर रही है। पुलिस बमुश्किल मृतक के एक भाई को ढूंढ पाई थी, लेकिन उसने साफ कह दिया है कि जिस भाई की पिछले तीस साल से उसने शक्ल तक नहीं देखी, इसलिए मैं कुछ नहीं कर सकता हूं। अब पुलिस और हमीदिया अस्पताल प्रबंधन पसोपेश में है कि शव का क्या करें? फिलहाल शव पिछले दस दिनों से हमीदिया अस्पताल की मरचुरी में रखा है।
हमीदिया अस्पताल में जिस व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हुई, उसकी शिनाख्त राजेंद्र (45 साल) पिता कुंदनलाल (Rajendra father Kundnlal) के रूप में हुई। वह पेशे से ड्राइवर था। बताया जाता है कि उसके रहने का कोई ठिकाना नहीं था। वह वाहन में ही सो जाता था। 13 जुलाई को उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई। उसे ऑटो मालिक ने इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां 18 जुलाई को उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टरों ने शव मरचुरी में रखवाकर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने मृतक के एक भाई को बड़ा मलहरा से खोज निकाला। भोपाल पुलिस बड़ा मलहरा पुलिस के साथ उसके घर पहुंची। लेकिन विनोद द्वारा शव लेने से इंकार करने के बाद पुलिस की परेशानी बढ़ गई। बीते कई दिनों से पुलिस उसके अन्य परिजनों को ढूंढकर शव सौंपना चाहती थी। लेकिन कोई आगे नहीं आया तो पुलिस ने अब उसे दफनाने की तैयारी कर ली है।
विनोद पिता कुंदनलाल को उसके भाई की जानकारी दी और उसे काफी समझाया। लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया कि मेरा मृतक से कोई लेना-देना नहीं है। शिवाकांत दुबे, थाना प्रभारी, बड़ा मलहरा, छतरपुर