भोपाल। राजधानी में स्टेट लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसके लिए जगह चिह्नित कर डिजाइन भी तैयार कर ली गई है। इस लाइब्रेरी में दो लाख किताबें, ऑडियो-वीडियो में रीडिंग मटेरियल, माइक्रो फिल्म्स, बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए लेटेस्ट मल्टी मीडिया सेक्शन, रिसर्च व जर्नल होंगे। यहां एक बार में 2500 लोग बैठकर किताबें पढ़ सकेंगे। यह करीब ढाई एकड़ में बनेगी। इस पर 60 करोड़ की लागत आएगी। किताबों की संख्याा के लिहाज से भी यह प्रदेश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी होगी, जो पढ़ने वालों के लिए 24 घंटे खुली रहेगी।
दरअसल, सात नंबर बस स्टाप के पास जिस जगह यह लाइब्रेरी बनना प्रस्तावित है, उसके तीन ओर शिक्षण संस्थान हैं। एक तरफ सुभाष स्कूल व केंद्रीय विद्यालय, दूसरी तरफ नूतन काॅलेज और तीसरी तरफ महिला पाॅलिटेक्निक काॅलेज है। बजट में राशि का प्रावधान कर दिया गया है। इसी साल लाइब्रेरी का काम शुरू होगा। इसके 2020-21 तक पूरा होने की उम्मीद है। छह मंजिला लाइब्रेरी के शुरुआती फ्लोर में पार्किंग होगी। इसके बाद के पांच फ्लोर लाइब्रेरी के होंगे।
किताबाें की संख्या के लिहाज से यह प्रदेश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी होगी। अभी ग्वालियर में है सबसे बड़ी लाइब्रेरी। 410 सीटों का बड़ा ऑडिटोरियम जिसमें वर्कशाॅप-लेक्चर व अन्य एकेडेमिक प्रोग्राम होंगे। 125 कारों की पार्किंग की सुविधा होगी। 200 लोगों के लिए कैफेटेरिया। हर फ्लोर पर काॅफी काउंटर। तीन साल पहले से कवायद मुख्य सचिव का ड्रीम प्रोजेक्ट
मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने तीन साल पहले इस लाइब्रेरी की कल्पना की थी। तब वे स्कूल शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहे। लाइब्रेरी फाइलों से बाहर ही नहीं निकल पाई। इसके बाद नवंबर 2016 में वे माध्यमिक शिक्षा मंडल में चेयरमैन बनकर गए। मंडल की बैठक में लाइब्रेरी के लिए उन्होंने 20 करोड़ का प्रावधान कराया। इसी बीच वे मप्र के मुख्य सचिव बने तो उन्होंने तत्काल इस प्रस्ताव पर पहल की। प्रोजेक्ट तैयार हुआ। बजट में राशि रखी गई। मोहंती का कहना है कि टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। यह अल्ट्रा मॉडर्न लाइब्रेरी होगी। स्कूल शिक्षा विभाग इसका काम देखेगा।