भोपाल। झीलों के शहर भोपाल में कला, संस्कृति व नाट्यकर्मियों के लिए खुश होने का मौका है। मौका इसलिए, क्योंकि नाट्यकर्म के क्षेत्र में देश की राजधानी दिल्ली स्थित संस्थान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की तरह राजधानी भोपाल में भी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा खुल गया है। कमोवेश, स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा स्मार्ट सड़क के किनारे लगाया गया साइन बोर्ड तो यही बताकर खुश होने का मौका दे रहा है। गौरतलब है कि मप्र ड्रामा स्कूल श्यामला हिल्स स्थित गुलबर्धन मार्ग में किराए की बिल्डिंग में स्थापित है।
एमपीएसडी को लैंडमार्क दर्शाने के लिए लगाए गए साइन बोर्ड पर एमपीएसडी लिखवाने की बजाय नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा लिखकर सड़क के किनारे स्थापित कर दिया गया। स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन की स्मार्टनेस की बानगी देखिए कि साइन बोर्ड के जरिए ही सही, लेकिन राष्ट्रीय स्तर के संस्थान की सौगात मिलने का अहसास तो करा ही दिया।
दरअसल, हाल ही में पालिटेक्निक चौराहा से लेकर बस डिपो चौराहा तक नई टू लेन सड़क बनाई गई है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद जिम्मेदार एजेंसी भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने दिशा सूचक और संस्थानों को इंगित करने वाले बोर्ड लगाए हैं। इसी के तहत नाट्य विद्यालय के बाहर भी एक बोर्ड लगाया गया है, जिसमें संस्था का नाम नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा लिखा गया है।
बोर्ड में कई गलतियां
अंग्रेजी में ड्रामा स्कूल का दर्जा बढ़ाने के साथ ही इस बोर्ड में और भी गलतियां हैं। हिंदी में नाट्य को 'नाटय' और विद्यालय को 'विधालय' लिखा गया है। हालांकि, भाषा की अशुद्घता तो कई स्थानों पर बोर्ड में देखने को मिल जाएगी, लेकिन अर्थ बदलने का उदाहरण बिरला है। खास बात यह है कि बोर्ड लगे दो माह से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन नाट्य विद्यालय के किसी जिम्मेदार ने स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन के पास आपत्ति नहीं दर्ज कराई है।
स्मार्ट सड़क पर लगाए गए बोर्ड में गलती गंभीर लापरवाही का मामला है। संबंधित जिम्मेदार से जवाब तलब कर शीघ्र गलती को सुधार जाएगा।
-नितिन दवे, पीआरओ भोपाल स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड