भोपाल। रक्षाबंधन पर रिश्तेदार को भेजा गिफ्ट और पत्र समय पर न पहुंचा पाना डाक विभाग को महंगा पड़ गया। उपभोक्ता फोरम की बेंच ने डाक पहुंचाने में देरी के एक मामले में पाेस्ट ऑफिस के खिलाफ फैसला सुनाया है। यह फैसला जिला फोरम की बेंच-1 के अध्यक्ष न्यायाधीश आरके भावे व पीठासीन सदस्य सुनील श्रीवास्तव ने सुनाया है।
फोरम ने पोस्टमास्टर, पोस्ट ऑफिस बरखेड़ा और हेड पोस्ट मास्टर, मुख्य पोस्ट ऑफिस टीटी नगर को सेवा में कमी का दोषी पाया। फोरम ने डाक विभाग को मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 5 हजार रुपए हर्जाना, एक हजार रुपए परिवाद व्यय दो महीने के भीतर आवेदक को अदा करने के आदेश दिए। श्रीराम परिसर खजूरीकलां निवासी परिवादी देवकी नंदन सोनी ने फोरम में परिवाद दायर कर बताया कि रक्षाबंधन पर भेल पोस्ट ऑफिस से एक लिफाफा स्पीड पोस्ट से भेजा था। उसे 20 अगस्त 2018 को जेपीयू कैंपस राघौगढ़ के पते पर भेजा था। लिफाफा निर्धारित पते पर तीन दिन में पहुंच जाना था, लेकिन वह 10 दिन तक नहीं पहुंचा।
समय पर पोस्ट नहीं पहुंचने पर उन्हें मानसिक कष्ट के दौर से गुजरना पड़ा। उन्होंने 27 अगस्त को उन्होंने इसकी शिकायत की लेकिन कर्मचारियों ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। विभाग का पक्ष रखते हुए एडवोकेट राजीव जैन ने बताया कि राखी का त्योहार होने और डाक की संख्या ज्यादा होने की वजह से डाक वितरण में देरी हुई है, लेकिन उसे निर्धारित पते पर पहुंचा दिया था।