भोपाल। कलेक्टर तरूण पिथोडे का इनोवेशन ‘सीनियर-सिटीजन हेल्प-डेस्क’ अब न्यायपालिका का काम करने लगी है। उसने एक ठग को पकड़ा, ठगी का पैसा सीनियर सिटीजन को वापस दिलाया और ठग को मुक्त कर दिया। जबकि उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना था।
मामला कुछ यूं है कि श्रीमती निर्मला रघुवंशी पत्नि स्व. श्री गोपाल सिंह रघुवंशी निवासी माता मंदिर भोपाल द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित सीनियर सिटीजन हेल्प डेस्क के नोडल अधिकारी श्री सुरेश सिंह के समक्ष एक व्यक्ति के विरूद शिकायत की गई कि प्लॉट के नामांतरण के लिए उक्त व्यक्ति द्वारा प्लॉट के मूल कागजात एवं 5000 रूपये लिए गए है, किन्तु 2 माह से निरंतर चक्कर लगा रही हूं न तो काम हुआ और न ही पैसे और कागजात वापस मिले।
हेल्प डेस्क नोडल अधिकारी श्री सुरेश सिंह ने उस व्यक्ति को पकड़वाकर बुलाया और रिश्वत के पैसे व प्लॉट के मूल कागज महिला को वापस दिलाकर ठग को रिहा कर दिया। अब इस घटनाक्रम को ‘सीनियर-सिटीजन हेल्प-डेस्क’ की सफलता के रूप में प्रचारित किया जा रहा है जबकि ‘सीनियर-सिटीजन हेल्प-डेस्क’ ने एक अपराधी को बिना कार्रवाई किए मुक्त करने की गलती कर दी है। अब यह भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का मामला बन गया है।