इंदौर। बैंक आफ इंडिया की इंदौर ब्रांच के चीफ मैनेजर अखिलेश प्रताप सिंह के खिलाफ सीबीआई की भोपाल यूनिट ने धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार की धाराओं में FIR दर्ज की हैं। चीफ मैनेजर के पद का दुरुपयोग करते हुए उनके द्वारा 1.35 करोड़ की राशि अपने और रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर की थी। गड़बड़ी सामने आने पर बैंक की विजलेंस ने जांच की थी। जांच में गबन और धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद बैंक ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग बैंगलुरू में है।
मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले विवेक कुमार गुप्ता बैंक ऑफ इंडिया सुलेमसराय शाखा के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक हैं। उनकी ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि तीन जुलाई को करेंसी चेस्ट के आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान 4.25 करोड़ की अनियमितता पाई गई। आंतरिक लेखा परीक्षक की रिपोर्ट पर तत्कालीन करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि यह रकम ग्रामीण बैंक को दी गई है, जिसके एवज में कोई ट्रांसफर भुगतान नहीं प्राप्त हुआ है। हालांकि ग्रामीण बैंक का नाम वह नहीं बता पाया।
उप्र में भी बैंक ऑफ इंडिया के बैंक मैनेजर ने किया 4.25 करोड़ का घोटाला
बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा से 4.25 करोड़ रुपये गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तीन जुलाई को मामले की जानकारी बैंक मैनेजर को आंतरिक लेखा परीक्षण की रिपोर्ट आने के बाद हुई। मामले में करेंसी चेस्ट अधिकारी समेत तीन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। धूमनगंज पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है।मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले विवेक कुमार गुप्ता बैंक ऑफ इंडिया सुलेमसराय शाखा के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक हैं। उनकी ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि तीन जुलाई को करेंसी चेस्ट के आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान 4.25 करोड़ की अनियमितता पाई गई। आंतरिक लेखा परीक्षक की रिपोर्ट पर तत्कालीन करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि यह रकम ग्रामीण बैंक को दी गई है, जिसके एवज में कोई ट्रांसफर भुगतान नहीं प्राप्त हुआ है। हालांकि ग्रामीण बैंक का नाम वह नहीं बता पाया।