भोपाल। मप्र भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय (MP Bhoj Universit)को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस बार स्कूलों में स्टडी सेंटर संचालित नहीं होंगे। इसके कारण विश्वविद्यालय सत्र 2019-20 के लिए एडमिशन प्रक्रिया (Admission process) शुरू नहीं कर सका है, इसलिए छात्रों को भी परेशानी (Students worried about admission) का सामना करना पड़ रहा है। वे लगातार विवि में कॉल कर एडमिशन शुरू होने की तारीख पूछ रहे हैं।
दरअसल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने शासन को कॉलेजों में स्टडी सेंटर खोलने के लिए प्रस्ताव भेजा है, लेकिन वहां से अभी तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। खास बात यह है कि यदि जल्द ही मंजूरी नहीं मिलती है तो इस बार डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई करने वाले करीब 40 हजार छात्रों को एडमिशन नहीं मिल सकेगा। यह एडमिशन प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जानी चाहिए थी। लेकिन विश्वविद्यालय इसके लिए शासन की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। भोज विवि के वर्तमान में करीब 276 स्कूलों में स्टडी सेंटर चल रहे हैं। इस बात को लेकर यूजीसी ने आपत्ति ली है। हालांकि, यह शर्त सभी मुक्त विश्वविद्यालय पर लागू की गई है।
भोज मुक्त विवि के अंडर ग्रेजुएशन सहित विभिन्न कोर्सेस में हर साल 40 हजार से अधिक एडमिशन होते हैं। इसमें लेटलतीफी होती है तो एडमिशन में कमी आ सकती है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदेश भर के 186 सरकारी कॉलेजों में अपने सेंटर खोलना चाहता है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। लगभग एक महीना बीत जाने के बाद भी विवि को कोई जवाब नहीं मिल सका है। इसमें मंजूरी मिलते ही स्कूलों से स्टडी सेंटर खत्म किए जाएंगे।
विवि पहले उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित सरकारी कॉलेजों में सेंटर खोलेगा। इनके लिए मंजूरी मिलती है तो इसके बाद प्राइवेट कॉलेजों में सेंटर खोलने की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में इन कॉलेजों से एमओयू करने के लिए भी जल्द ही सूचना जारी की जाएगी।
विवि के अधिकारियों का मानना है कि डिस्टेंस एजुकेशन के लिए पूरी तरह से समर्पित होने के बावजूद भी लोगों तक पहुंच नहीं है। लोगों को विवि में संचालित कोर्स की अधिक जानकारी नहीं मिल पाती है। इसलिए विवि रीजनल सेंटर भी बढ़ाने की तैयारी में है। अभी 11 रीजनल सेंटर हैं। यह संख्या बढ़ाकर 20 की जाएगी।