इंदौर। रेणु जैन इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) की नई कुलपति होंगी। मप्र सरकार द्वारा उनके नाम के आदेश जारी कर दिए गए है। जैन के कुलपति बनने से डीएवीवी में पिछले एक माह से चला आ रहा संकट समाप्त हो गया है।मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सीईटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर धारा-52 का प्रयोग करते हुए 24 जून 2019 को कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ को हटा दिया था, तब से अब तक न तो प्रभारी कुलपति की नियुक्ति हो सकी और न स्थाई कुलपति नियुक्ति हो पाया था।
अब तक रेणु जैन ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी के कॉमर्स विभाग के एचओडी पद पर कार्यरत थी। 4200 से ज्यादा फाइलें ठप पड़ी हैं। कर्मचारियों का वेतन, विजिटिंग फैकल्टी की नियुक्ति तक ठप। सितंबर में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) की टीम आने वाली है, लेकिन ए ग्रेड के हिसाब से अंतिम दौर का सारी तैयारी महीनेभर से ठप पड़ी है। बी ग्रेड भी मिलना मुश्किल हो जाएगा।
30 दिन में खत्म हो गई 55 साल की गुडविल
7 हजार डिग्रियों पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं। कुलपति रहते डॉ. नरेंद्र धाकड़ हर दिन 350 डिग्री पर हस्ताक्षर करते थे। सीईटी देने वाले 17हजार छात्रों के भविष्य का फैसला अटका रहा, जिन्हें एडमिशन मिल जाएगा, उनके लिए तो दिक्कत नहीं, लेकिन बाकी 13 हजार छात्रों का साल खराब होने का संकट। इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ, जब एक दिन भी बिना कुलपति के यूनिवर्सिटी रही हो। इस बार एक माह बीत चुका है। राजभवन और प्रदेश सरकार के बीच कुलपति की नियुक्ति में इस तरह की लड़ाई पहले कभी देखने को नहीं मिली।