भोपाल। आरटीई से कक्षा छठीं से बारहवीं तक विषयमान शिक्षकों को रखने का प्रावधानानुसार पोर्टल पर जानकारी अपलोड कर रखी है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा है कि एजुकेशन पोर्टल के कारण आरटीई के मूल प्रावधानों की धज्जियां उड़ रही है जिसमें कहा गया है कि माध्यमिक विद्यालय में न्यूनतम वर्ग-2 के तीन शिक्षकों की पद पूर्ति अनिवार्य है।
पोर्टल शिक्षक विहीन विद्यालयों में भी सामाजिक विज्ञान का पद रिक्त नहीं बता रहा है, इस कारण पद पूर्ति नहीं हो पा रही है। उच्च/उच्चत्तर विद्यालयों में पहले वर्ग-2 शिक्षक कार्यरत रहे है। इस बार इन पदों पर केवल वर्ग-1 के पद रिक्त बताये जा रहे है। इसीलिए पूर्व में कार्यरत अतिथि शिक्षक ऐसे विद्यालयों में पद रिक्त होते हुए भी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। सामाजिक विज्ञान के शिक्षक पोर्टल के कारण दर-दर भटकने को मजबूर है। साथ ही अतिथि शिक्षकों के साथ एक और भद्दा मजाक होने जा रहा है।
वरिष्ठता क्रम से कार्यरत अतिथि शिक्षक तमाम योग्यता रखते हुए भी कभी भी तबादलों से पद पूर्ति होते ही बेरोजगारों की अग्रिम पंक्ति में नजर आएगा। जबकि वरिष्ठता में निचले पायदान वाला अभ्यर्थी दूर दराज विद्यालय में, जहाँ स्थाई शिक्षक नहीं पहुँच पायेगा कार्यरत रहेगा। व्यवस्थागत सरकारी खामी द्वारा बेरोजगारों का खुलेआम खिल्ली उड़ाता भद्दा मजाक तो है ही समाज में ज्वलंत अनसुलझी पहेली भी है। बेरोजगार अंधेरी सुरंग में हमेशा-हमेशा के लिए अपना भविष्य टटोलते-टटोलते गुम होने को मजबूर है। यह प्रजातंत्र पर करारा तमाचा है।