भोपाल। मप्र सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल ने अपने आदेश दिनांक 25/10/2017 द्वारा शिक्षक संवर्ग को दिनांक 01/07/2014 से तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान स्वीकृत किया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि उक्त आदेश का पालन उज्जैन संभाग को छोड़कर पूरे मप्र किया जा चुका है।
द्वितीय क्रमोन्नति के समय ही स्पष्ट किया गया है कि इसमें योग्यता बंधनकारी नहीं है, सेवाकाल की गणना पर इसका लाभ दिया जावे। संयुक्त संचालक कोषलेखा संभाग उज्जैन ने एक पत्र आयुक्त कोषलेखा मप्र भोपाल को भेजकर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान में योग्यता की अनिवार्यता हेतु अनावश्यक मार्गदर्शन मांगा जिस पर पुनः आयुक्त ने तथ्य प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिये । फिजूल पत्राचार से शिक्षकों को पांच वर्ष बाद भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है । विडम्बना है कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार उज्जैन संभाग को छोड़कर सभी संभागों में इसे लागू कर दिया गया है।
उज्जैन कोषलेखा कार्यालय से भी कतिपय शिक्षकों को की फाइलें "पत्रं-पुष्पं" से तृतीय क्रमोन्नति वेतननिर्धाण पारित किये है । शेष फाइलों को अनावश्यक रूप से रोक कर शिक्षकों को बेजा परेशान किया जा रहा है । संयुक्त संचालक कोषलेखा संभाग उज्जैन के मौखिक निर्देश के कारण तृतीय "क्रमोन्नति वेतनमान" वेतननिर्धाण पारित कराने की प्रत्याशा में जिलों में शिक्षकों की फाइलें धूल फांक रही है । मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ माननीय डाॅ प्रभुराम चौधरी स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त कोषलेखा मप्र भोपाल, माननीय श्रीमान हुकुम सिंह कराड़ा साहब प्रभारी मंत्री मंदसौर-नीमच से निवेदन करता है कि हस्तक्षेप कर उज्जैन संभाग के शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान दिलवाया जावे।
संयुक्त संचालक कोषलेखा संभाग उज्जैन की अटकाने वाली कार्यप्रणाली से शिक्षकों को मानसिक परेशानी के साथ आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है इससे इस वर्ग में नाराजगी व्याप्त है जो चिंताजनक है । यदि संभव हो तो शासन स्तर से जजिया कर का निरधारण कर दिया जावे ताकि भ्रष्टाचार के अभाव में कार्य प्रभावित न होने पाये ।