ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगलपीठ ने नगर निगम की कार्य प्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब याचिका की सुनवाई होती है, उससे एक दिन पहले फॉगिंग मशीन जज के घर भेज देते हैं। इससे दिखावा हो सके कि शहर में फॉगिंग हो रही है। जबलपुर में भी निगम ऐसा ही करती थी। वैसा ही ग्वालियर में किया जा रहा है। निगम के सुपरवाइजर ऑफिसों में बैठे रहते हैं। इस कारण ठीक से काम नहीं हो पा रहा है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का तरीका भी ठीक नहीं है। बजट खर्च के आंकड़े बता रहे हैं कि पूरा बजट भी लोगों पर खर्च नहीं कर पा रही है। इसलिए निगम अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाए। कोर्ट ने पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश करने का दो सप्ताह का समय दिया है।
अवधेश भदौरिया ने हाईकोर्ट में डेंगू व मलेरिया को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग पूरा बजट भी खर्च नहीं कर पा रहा है। गत दिवस कोर्ट ने निगम को आदेश दिया था कि स्वास्थ्य विभाग का बजट कितना है। पिछली सुनवाई पर आयुक्त ने स्वीकार किया था कि 25 में से 10 मशीनें खराब हैं। 15 मशीनों से फॉगिंग की जा रही है। खराब मशीनों को सही कराने के लिए पार्ट्स मंगाए जा रहे हैं।
निगम ने मंगलवार को बजट की जानकारी कोर्ट में पेश कर दी। बजट का 10 फीसदी ही पैसा निगम खर्च कर पा रही है। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक का पैसा ही पब्लिक पर खर्च नहीं हो पा रहा है। निगम के अधिवक्ता दीपक खोत से कोर्ट ने कई सवाल किए। वार्डों में चिन्हित स्थानों पर ही फॉगिंग की जा रही है। सुपरवाइजरों की ड्यूटी लगाई है। फॉगिंग करने वालों को पर्याप्त सामान दिया जा रहा है।
सड़कों पर जानवर ही नजर आते हैं
कोर्ट ने कहा कि शहर में निकलो तो सड़कों पर जानवर ही जानवर नजर आते हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। भैंस की डेयरियां गंदगी फैला रही हैं। कोर्ट के इस सवाल पर अधिवक्ता दीपक खोत ने कहा कि 7 हजार जानवरों को पकड़ा है। भैंस डेयरियों को शहर से बाहर करने के लिए शासन से जगह मिल चुकी है। डेयरियों को नोटिस दे दिए हैं।
कोर्ट ने कहा कि मच्छर पनपने लगे हैं। इनका लार्वा खाने के लिए मछलियों को क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है। निगम की ओर से तर्क दिया गया कि गड्ढों में भरे पानी में मछलियों को छोड़ने का काम किया जा रहा है क्योंकि निगम के कर्मचारी लार्वा पहचानने में एक्सपर्ट नहीं हैं। इसलिए मलेरिया विभाग की मदद ली जाती है। उसके बाद पानी में मछलियों को छोड़ जा रहा है। डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है।
यह सामान दिया जा रहा है फॉगिंग के लिए
निगम ने बताया कि फॉगिंग के लिए 20 लीटर डीजल व 4 लीटर पेट्रोल हर डिपो को प्रतिदिन दिया जा रहा है। डोर टू डोर फॉगिंग के लिए वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
हर विधानसभा क्षेत्र में फॉगिंग कराने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की होगी। जो दिन निर्धारित किया है, उसके अनुसार फॉगिंग कराएंगे।
सोमवार व गुरुवार को पूर्व विधानसभा क्षेत्र में, मंगलवार व शुक्रवार को ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में, बुधवार व शनिवार को दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के मुख्य मार्गों पर फॉगिंग की जाएगी।