भोपाल। कमलनाथ सरकार का नगरीय प्रशासन विभाग अतिक्रमण के मामले में इलाकों के हिसाब से नीतियां अपना रहा है। इंदौर में एक जर्जर मकान हटाने के लिए मौजूदा विधायक की एक बात नहीं सुनी गई। हालात यह बने कि विधायक को गुस्से में आकर हिंसक कार्रवाई करने पड़ी और भोपाल में पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह के सामने अतिक्रमण विरोधी अमला हमेशा नतमस्तक हो जाता है। भाजपा के शासनकाल में सड़कों पर जितनी भी गुमठियों ने कब्जा किया, अब वो सरकारी जमीन उनका अधिकार बनती जा रही है। शुक्रवार को एक बार फिर यही संदेश गया। सरकारी अमला आया, सुरेंद्रनाथ सिंह ने धमकाया तो लौट गया।
एमपी नगर में अवैध गुमठियों को हटाने पहुंचे नगर निगम अमले को शुक्रवार को एक बार फिर पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह ने धमकाकर भगा दिया। नगर निगम का अमला सुबह करीब 10ः30 बजे एमपी नगर में एक्सिस बैंक के पास गुमठियों को हटाने पहुंच गया। कुछ ही देर में सुरेंद्रनाथ भी पहुंच गए। उन्होंने नगर निगम और पुलिस अधिकारियों से चर्चा की। सुरेंद्रनाथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि यह गुमठियां हटाई गईं तो वे नगर निगम मुख्यालय की तरह वल्लभ भवन पर भी ताला जड़ देंगे। कुछ देर तक चली बहस के बाद नगर निगम अमला गुमठी व्यवसायियों को चेतावनी देकर चलता बना।
बता दें कि आम रास्तों और फुटपाथों पर तमाम अतिक्रमण भाजपा के शासनकाल में हुए। इसके लिए सरकार की तरफ से कोई अनुमति नहीं दी गई और ना ही ये तमाम गुमठियां दशकों से यहां संचालित होती आ रहीं हैं। कई बार स्टिंग आॅपरेशन के दौरान यह भी प्रमाणित हुआ है कि गुमठी संचालकों से पैसे लेकर यह अतिक्रमण करवाया गया है। सवाल यह है कि सरकार इस मामले में कमजोर क्यों हो जाती है। क्या किसी अतिक्रमण को केवल इसलिए नहीं हटाया जाएगा क्योंकि एक नेता ने धमकी दी है कि वो वल्लभ भवन में ताला लगा देगा।