इंदौर। खजराना क्षेत्र की इशाक काॅलोनी में शुक्रवार को घर के बाहर खेल रही पांच और सात साल की दाे बहनाें काे दाे पालतू कुत्ताें ने हमला कर घायल कर दिया। पांच साल की बच्ची को ताे इतना नोंचा कि उसके पेट का कुछ हिस्सा बाहर आ गया। बच्चियाें की चीख सुनकर पास में क्रिकेट खेल रहे बच्चों ने उन्हें बचाया। दाेनाें काे एमवाय में भर्ती किया, जहां छाेटी बहन के पेट का ऑपरेशन किया गया।
इधर, मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजन की रिपोर्ट पर कुत्ते पालने वाली महिला परवीन बी और उसके बेटे मोहम्मद इमरान के खिलाफ शिकायत दर्ज की। देर शाम पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, आक्राेशित लाेगाें ने उनके घर की एक दीवार तोड़ दी। घायल बच्चियां सात साल की सुमन और पांच साल की मधु हैं। पिता किशन इशाक कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान की चौकीदारी करते हैं। परिवार यहीं रहता है।
पुलिस से की गई शिकायत में किशन ने बताया कि जब भी मेरे बच्चे खेलने के लिए घर से बाहर जाते हैं ताे क्षेत्र में रहने वाली परवीन बी और मो. इमरान अपने दाेनाें कुत्ताें काे खुला छोड़ देते हैं। शुक्रवार सुबह 8.30 बजे मेरा भाई राजेंद्र उसके बच्चों को छोड़ने मेरे घर आया। तब मेरी दोनों बेटियां घर के बाहर खेल रही थीं। उसी दौरान परवीन ने कुत्तों को मेरी बच्चियों के पीछे छोड़ दिया। कुत्ताें ने मेरी बेटियाें पर हमला कर दिया। बड़ी बेटी जैसे-तैसे छूटकर भागी, लेकिन छाेटी को कुत्ताें ने दबोच लिया। बच्चियों की चीख सुनकर पास में क्रिकेट खेल रहे बच्चे दौड़े और बैट कुत्ताें को भगाया।
दोपहर में ऑपरेशन किया : छाेटी बेटी मधु की हालत गंभीर होने पर उसे एमवाय अस्पताल की तीसरी मंजिल पर वार्ड 15 में रखा गया। उसके पेट और पिछले हिस्से को कुत्तों ने नोंच लिया। सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आरके माथुर के निर्देशन में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. ब्रजेश लाहाेटी, डॉ. अशोक लड्ढा व डाॅ. शशि शंकर शर्मा की टीम ने उसका ऑपरेशन किया। फिलहाल वह खतरे से बाहर है। वहीं सुमन को पैर में चोट आई, जिसकी ड्रेसिंग की और इंजेक्शन लगाए। पार्षद इकबाल खान भी वहां पहुंचे और बच्ची के पिता को इंजेक्शन के लिए एक हजार रुपए देकर चले गए।
कुत्ताें का आतंक इतना कि फेस रिपेयरिंग तक करना पड़ रही : डाॅ. लड्ढा ने बताया कि कुत्तों का आतंक इतना है कि अब उसके घायल सर्जरी विभाग में भी आ रहे हैं। दाे बच्चे और भर्ती हैं। कुत्ते लाेगाें के चेहरे तक नाेंच रहे हैं। पीडियाट्रिक यूनिट में फेस रिपेयरिंग तक करना पड़ रही है।