इंदौर। अगर आपको अपनी कार किराए पर देना है या फिर किसी दफ्तर में अटैच करना है तो संभल जाइए। गाड़ियां किराए पर लेकर बेचने का खेल चल रहा है। शाजापुर, देवास और उज्जैन सहित कई जिलों के लोग अपनी गाड़ियां किराए पर देकर उलझ गए हैं। इंदौर में इस तरह की ठगी में शामिल पूर्व जिला अभियोजन अधिकारी एम खान के पुत्र शोएब के नाम से कई शिकायतें हुई हैं।
शाजापुर के कोहड़िया में रहने वाले राकेशसिंह मेवाड़ा ने एक साल पहले मारूति वैन खरीदी। सालभर से यह गाड़ी घर पर खड़ी थी। राकेश ने इसे किराए पर लगाने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला। कई लोगों ने फोन किया लेकिन बात नहीं बनी। कुछ दिनों बाद शोएब खान ने राकेश से संपर्क किया। बताया कि उसे अपने काम के लिए मारूति वैन किराए पर अटैच करना है। किराए और एग्रीमेंट की बात करने के लिए शोएब कोहड़िया गया। वहां राकेश से दस हजार रुपए प्रतिमाह किराए पर वैन अटैच करना तय हुआ। शोएब ने शाजापुर से सौ रुपए का स्टाम्प खरीदा और एग्रीमेंट कर लिया। एग्रीमेंट में तय हुआ कि पहले महीने के किराए के साथ तीन माह का एडवांस भी दिया जाएगा। इसी शर्त पर शोएब वैन लेकर इंदौर आ गया।
कुछ दिन बाद उसने राकेश को फोन किया और बहाने से वैन के असली कागज मंगवा लिए। एक माह तक सबकुछ ठीक चलता रहा। इसके बाद शोएब ने फोन उठाना बंद कर दिया। इस बीच पता चला कि उसकी गाड़ी बेचने का विज्ञापन जारी हुआ है। छानबीन की तो पता चला कि शोएब ने उसकी गाड़ी सवा लाख रुपए में किसी को बेच दी है। राकेश ने इस मामले में शाजापुर और खजराना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कादर कॉलोनी में रहने वाला शोएब कई दिनों से घर नहीं आया
छानबीन के मुताबिक शोएब पूर्व जिला अभियोजक एस खान का बेटा है। 25 कादर कॉलोनी में उसका घर है लेकिन वह महीनों से घर नहीं आया है। किराए पर गाड़ी देने वाले कई लोगों ने उसके घर जाकर पिता से संपर्क किया। शोएब के पिता यही जवाब देते हैं कि वह गलत रास्ते पर है और कई दिनों से घर नहीं आया है। जब आएगा तो बात करूंगा। पुलिस ने भी एस खान से संपर्क कर शोएब के बारे में पूछताछ की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
25 हजार प्रतिमाह किराए पर ली थी बोलेरो
देवास निवासी मेहरबान सिंह के साथ भी इसी तरह की ठगी हुई है। मेहरबान के पिता ने रिटायरमेंट पर मिले फंड से नई बोलेरो खरीदी थी। एक साल तक यह गाड़ी 20 हजार रुपए प्रतिमाह में टेलीकॉम कंपनी में अटैच थी। एग्रीमेंट खत्म होने के कुछ दिन पहले शोएब ने मेहरबान को 25 हजार रुपए प्रतिमाह किराया देने का ऑफर दिया और दस हजार रुपए एडवांस देकर एग्रीमेंट कर लिया। पहले माह का किराया मिलने में देरी हुई तो मेहरबान ने शोएब से संपर्क करना चाहा लेकिन उसका फोन बंद बताने लगा। गाड़ी कहां है, इसकी कोई खबर नहीं मिली। उसने इंदौर में छानबीन की तो पता चला कि नवलखा के कार डीलर के माध्यम से उसकी गाड़ी बेच दी गई है। इस मामले में भी पुलिस ने शिकायत दर्ज की है।
शोएब की तलाश कर रहे हैं
कादर कॉलोनी में शोएब का घर है लेकिन वह कई दिनों से घर नहीं अाया है। हमने उसके पिता से पूछताछ की थी, लेकिन उन्हें शोएब के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह कई लोगों की गाड़ियां किराए पर लेकर बेच चुका है। हम उसकी तलाश कर रहे हैं।
प्रीतमसिंह ठाकुर, टीआई खजराना थाना
इंदौर के कई थानों में दर्ज हैं मामले
खजराना थाने में शोएब मामले के जांच अधिकारी प्रवेश कुमार के मुताबिक शोएब ने कई लोगों से ठगी की है। संयोगितागंज थाने में भी उसके खिलाफ एक प्रकरण में जांच चल रही है। करीब दो साल पहले धोखे से कार बेचने के मामले में क्राइम ब्रांच ने भी उसे पकड़ा था।