जबलपुर। मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 5 की लिफ्ट देर रात ऊपर जाते समय अचानक फस गई। लिफ्ट में 18 यात्री सवार थे जो कि 1 घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे। लिफ्ट सुधारने के लिए निजी कंपनी के मैकेनिक जितेंद्र सिंह का कहना है कि लिफ्ट की ओवरलोड होने के चलते वह फंस गई है। जबकि तकनीकी विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि लिफ्ट ओवरलोड होती है तो उसे लिफ्ट ही नहीं होना चाहिए। दरवाजा भी बंद नहीं होना चाहिए। सिग्नल मिलना चाहिए कि लिफ्ट ओवरलोड है।
बताया गया है कि लिफ्ट की क्षमता 15 यात्रियों की है जबकि इसमें 18 यात्री सवार हो गए थे लेकिन इसकी जानकारी देने वाला लिफ्टमैन वहां नहीं था। जिससे एक-एक कर लिफ्ट में 18 यात्री सवार हो गए और जैसे ही लिफ्ट चालू किया वह फंस कर रह गई। आनन-फानन में लोगों ने लिफ्ट को खोलने की कोशिश की पर लिफ्ट नहीं खुली। लिफ्ट के फंसने से महिलाएं और बच्चे शोर करने लगे। इधर सूचना के बाद आरपीएफ मौके पर पहुंची और लिफ्ट लगाने वाली कंपनी से संपर्क किया गया।
करीब आधे घंटे बाद मैकेनिक स्टेशन पहुंचा और लिफ्ट सुधारा तब जाकर यात्री लोग लिफ्ट से बाहर निकले।खास बात यह है कि लिफ्ट में न कोई नंबर लिखा था और ना ही कोई फोन था जिससे कि यात्री आपात स्थिति में मदद ले सकें।