जबलपुर। ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के नाम पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने टेक्नोसेस कंपनी को इंटेलीजेंस ट्रैफिक मैनेमेंट सिस्टम का जिम्मा तो सौंप दिया लेकिन चौराहे में नियम तोड़ने पर वाहन मालिकों को आईटीएमएस से भेजे जा रहे ई-चालान अब स्मार्ट सिटी के लिए ही मुसीबत बन रहे हैं। क्योंकि हाइ रेजुलेशन कैमरे से वाहनों के नंबर के आधार पर गलत ई-चालान भी भेजे जा रहे हैं। ई-चालान में गड़बड़ी का ऐसा ही एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें आईटीएमएस से एक विधायक के नाम पर ही ई-चालान काट दिया गया।
खास बात यह है कि आईटीएमएस के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कॉल कर विधायक को जब ई-चालान की जानकारी दी गई तो वह भी अवाक रह गए। क्योंकि जिस कार का चालान काटा गया है। वह कार उनकी नहीं थी लेकिन कार का नंबर जरूर मिलता-जुलता था। तब ई-चालान रद्द कर दिया गया लेकिन स्मार्ट सिटी की मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई। ई-चालान में गड़बड़ी को लेकर विधायक ने विधानसभा में ही सवाल लगा दिया।
विधानसभा को देना होगा जवाब:
दरअसल पनागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुशील तिवारी इंदू को करीब एक माह पहले स्मार्ट सिटी के दमोहनाका स्थित कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से फोन आया कि उनकी कार क्रंमाक एमपी 20 डब्ल्यूए 0867 ने ट्रैफिक सिग्नल तोड़ा है। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर ई-चालान जनरेट किया गया है जिसे जमा कर दें। विधायक ने जब पतासाजी की तो सामने आया कि जिस कार ने सिग्नल तोड़ा है वह उनकी नहीं है। लेकिन कार का नंबर जरूर उनकी कार से मिलता-जुलता है। विधायक की आपत्ति के बाद चालान रद्द कर दिया गया। ई-चालान में सामने आई गड़बड़ी को लेकर विधायक इंदू तिवारी ने विधानसभा में ही सवाल लगा दिया।
इसलिए हो रही गड़बड़ी:
आईटीएमएस के अधिकारी भी मानते हैं कि ई-चालान से बचने कुछ लोग नंबर प्लेट में छेड़छाड़ कर रहे रहे हैं। जबकि असामाजिक तत्व डुप्लीकेट नंबर प्लेट लगाकर घूम रहे हैं। ई-चालान भेजने पर ऐसी करीब 25 शिकायतें आईटीएमएस के कमांड सेंटर को मिल चुकी है।