चाय की दुकान वाला रियल इस्टेट कंपनियों का पार्टनर निकला, करोड़ों की सपंत्ति है | JABALPUR NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर। सदर निवासी चाय की दुकान चलाने वाला व्यापारी पीएचई के सेवानिवृत्त एसडीओ सुरेश उपाध्याय की रियल इस्टेट कंपनियों में पार्टनर है। चाय की दुकान वाला पार्टनर देखते ही देखते करोड़पति बन गया। चाय की दुकान से रियल इस्टेट में इन्वेस्टमेंट के लिए उसके पास रकम कहां से आई इसकी जांच में ईओडब्ल्यू के हाथ अहम सुराग लगे हैं जिससे सुरेश उपाध्याय व उसके पार्टनरों की काली कमाई का खुलासा किया जा सकता है। रियल इस्टेट में पार्टनरशिप में मेडिकल के एक वरिष्ठ डॉक्टर का नाम भी सामने आ रहा है।

ईओडब्ल्यू सूत्रों ने बताया कि उपाध्याय ने डाल्फिन इंडिया व चैतन्य सिटी फर्मों में करोड़ों का इन्वेस्टमेंट किया था। सदर इलाके में चाय की दुकान चलाने वाले को फर्मों में किस आधार पर पार्टनर बनाया गया और उसके पास रकम कहां से आई यह जांच का विषय है। आशंका जताई जा रही है कि अपनी काली कमाई को बचाने के लिए चाय की दुकान वाले को फर्मों में पार्टनरशिप दी गई।

उपाध्याय ने उसके नाम पर सम्पत्तियां भी खरीदीं। ईओडब्ल्यू के अधिकारी दस्तावेजों के सत्यापन में जुटे हैं जिससे यह पता लगाया जा सके कि उपाध्याय के साथ जुड़ने से पहले चाय की दुकान चलाने वाले पार्टनर की माली हालत क्या थी। इसी प्रकार डॉक्टर के बारे में भी पता लगाया जा रहा है कि उनके द्वारा इनकम टैक्स में दर्शित राशि रियल इस्टेट में लगाई गई या फिर अघोषित सम्पत्ति को ठिकाने लगाया गया।

200 एकड़ का आंकड़ा हो सकता है पार
उपाध्याय व उसके परिजन के नाम पर 200 एकड़ से ज्यादा जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेजों का सत्यापन किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। वहीं बैंकों में जमा रकम, लॉकर्स की जांच अभी शेष है।

गन पॉइंट पर कराई रजिस्ट्रियां
ईओडब्ल्यू को शिकायतें मिल रही हैं कि सुरेश उपाध्याय व उसके बेटे सचिन ने कुछ किसानों से गन पॉइंट पर रजिस्ट्रियां कराई थीं। किसानों, आदिवासियों को जमीनों का वाजिब दाम नहीं दिया गया। हालांकि राजस्व व पंजीयन विभाग से पत्राचार किया जा रहा है।
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