जबलपुर। शहर के भीतर यात्री बस का संचालन नहीं हो सकता, लेकिन भारी वाहनों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका। बल्देवबाग, महानद्दा रोड, अधारताल से दमोहनाका, आईटीआई से दमोहनाका रोड, बड़ा फुहारा, पड़ाव स्थित सब्जीमंडी तक ट्रक आ सकते हैं, लेकिन यात्री बस स्टैंड तक बसों के आने पर रोक है। पिकअप स्टेशन की तरह ही अलग-अलग क्षेत्रों में बस स्टैंड मास्टर प्लान में दर्ज हैं, जिनका उपयोग यात्रियों की सुविधा के लिए आज तक नहीं किया गया। यहां तक की ट्रांसपोर्ट नगर को भी शहर से बाहर करना मुश्किल बना हुआ है।
शहर से मंडला व रायपुर रोड पर बिलहरी रोड में मिनी बस स्टैंड की योजना प्रस्तावित थी, लेकिन इस पर काम आगे नहीं बढ़ सका। इसी तरह रांझी से होकर शहपुरा, डिंडौरी-अमरकंटक मार्ग पर भी मिनी स्टैंड बनाया जाना था। तीसरा मिनी बस स्टैंड मेडिकल के पास अस्थाई तौर पर संचालित होता आया है। अधारताल के लिए दमोहनाका स्टैंड से भी बस मिलना मुश्किल हो गया, क्योंकि दीनदयाल बस टर्मिनल से बस सीधे बायपास होकर निकल जाती हैं। रांझी में भी बस स्टैंड के लिए जगह चिन्िहत की गई थी। यहां से कुंडम, शहपुरा, डिंडौरी मार्ग की बसों का संचालन किया जाना था।
शहर के भीतर दमोहनाका स्थित चंडालभाटा ट्रांसपोर्ट नगर पूरी तरह बन चुका है, लेकिन इस ट्रांसपोर्ट नगर की जगह पूरे शहर में ट्रक खड़े देखे जा सकते हैं। अधारताल ट्रांसपोर्ट नगर को भी सही तरीके से विकसित नहीं किया गया। तेवर में नया ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित है। अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।
इनका यह कहना है
शहर की सड़कों पर ट्रक, ऑटो, मिनी ट्रक आ सकते हैं, तो बस क्यों नहीं चल सकती। वैसे भी मेट्रो बस तो चल रही है। पहले शहर से बस मिल जाया करती थी, लेकिन अब बस स्टैंड ही बंद कर दिए गए।
रमेश कनौजिया, कर्मचारी