भोपाल। 1998 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शिक्षाकर्मी योजना के अंतर्गत प्रदेश में लगभग 250 पीटीआई शिक्षाकर्मी वर्ग 2 की नियुक्ति की थी। इनका वेतन अन्य विषय के शिक्षाकर्मी वर्ग 2 के समान था। 2007 में अध्यापक संवर्ग के गठन के समय अन्य विषयों के शिक्षकर्मी वर्ग 2 का संविलियन अध्यापक विषयवार के पद पर हुआ तो इनका भी संविलियन अध्यापक (पीटीआई) के पद पर किया गया। आमतौर पर आज इन्हें अध्यापक पीटीआई वर्ग 2 के नाम से जाना जाता है।
वर्तमान में राज्य शिक्षा सेवा के गठन के समय अध्यापक (पीटीआई) की नियुक्ति का जुलाई 2018 के में प्रकाशित राजपत्र में कोई प्रावधान नही किया गया था। तब व्यायाम अध्यापक संगठन मप्र ने स्कूल शिक्षा विभाग में अभ्यावेदन लगाकर राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्ति की मांग की थी। शासन ने संगठन की मांग पर कार्यवाही करते हुए फरवरी 2019 में संशोधित राजपत्र जारी कर इनकी नियुक्ति *खेलकूद शिक्षक श्रेणी ब* में करने का प्रावधान किया है। किंतु राजपत्र प्रकाशन के बाद से ही लोक शिक्षण संचालनालय (Lok Sikshan Sanchalnalaya) जो ऑनलाइन नियुक्ति का कार्य कर रहा है उसके द्वारा लगातार इनकी उपेक्षा कर नियुक्ति नही की जा रही है। शासन की प्रक्रिया अनुसार राज्य शासन के निर्णय को लागू करना लोक शिक्षण संचालनालय का कार्य है।
अध्यापक पीटीआई वर्ग 2 दर्जनों बार भोपाल संचालनालय में ज्ञापन देकर व चर्चा करके विनय अनुनय कर चुका है किंतु अधिकारियों ने जैसे हमारी नियुक्ति ना करने का निर्णय कर लिया गया है।
अधिकारी ऑनलाइन नियुक्ति ना हो पाने का कारण साफ्टवेयर में गड़बड़ी बताकर कहते है कि हमारे प्रोग्रामर इसमे सुधार कर रहे है। आज के सूचना क्रांति के दौर में यह कैसी साफ्टवेयर की गड़बड़ी है जो चार माह में दूर नही हो सकी है। आज दुनिया भर में भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों का डंका बज रहा है वही एक पदनाम एजुकेशन पोर्टल पर अपडेट करने में अधिकारी 6 माह से सफल नही हुए है। यह हास्यास्पद होकर संचालनालय की कार्यप्रणाली का धोतक है।
इसी बीच विभाग ने राज्य शिक्षा सेवा में नव नियुक्त कर्मचारियों की ऑनलाइन ट्रांसफर नीति घोषित कर पोर्टल पर आवेदन करवाने शुरू किए है। 1998 के अध्यापक पीटीआई वर्ग 2 जो 20 वर्षो बाद भी आज इस ट्रांसफर नीति से वंचित हो रहे है क्योंकि वे आज भी अध्यापक संवर्ग में कार्यरत है अतः उन्हें ट्रांसफर नीति का लाभ नही मिलेगा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष झम्मन सिंह चौहान, रिज़वान खान, राकेश सागर,प्रशांत रघुवंशी, सुनील खोबरागड़े, प्रशांत नाम देव, कृपाशंकर पंथी आदि उपस्थित थे।