
बता दें कि सिंथेटिक दूध का कारोबार करने करने वालों के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 19 जुलाई शुक्रवार को भिंड के लहार में गोपाल चिलिंग सेंटर चिरोली, गिर्राज फूड भीकम पुर रोड व मुरैना के अंबाह की वनखण्डेश्वर डेयरी रूपाहटी रोड सहित कुल पांच फर्मों पर छापामार कार्रवाई करते हुए करीब 18 हजार लीटर सिंथेटिक दूध, केमिकल और मिलावटी पदार्थ जब्त किए थे।
दो दिन से साक्ष्य जुटा रही थी STF की टीम
कार्रवाई के दौरान एसटीएफ ने चिलर व डेयरी संचालकों व कर्मचारियों के नाम-पते पहले ही पता कर लिए थे। दो दिन से एसटीएफ इनके खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य जुटा रही थी। इस मामले में मंगलवार को पहली गिरफ्तारी वनखंडेश्वर डेयरी के संचालक देवेंद्र सिंह गुर्जर व उनके लैब टेक्निशियन अजय माहौर की हुई है । आरोपितों ने कबूल कर लिया है कि उनके दूध व उत्पादों की कहां-कहां सप्लाई थी। एसटीएफ अब नकली दूध व उससे अन्य उत्पाद बनाकर जिला व अन्य राज्यों में सप्लाई करने वाली चेन को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
मिलावटियों पर कार्रवाई के लिए एसटीएफ को खुली छूट
इधर मंगलवार को भिंड प्रवास के दौरान नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि नकली दूध-मावा कारोबारियों का राज्य के बाहर फैले नेटवर्क को भी खत्म किया जाएगा। इसको लेकर पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। एसटीएफ को कार्रवाई के लिए फ्री हैंड दे दिया गया है।
रासुका लगाने की तैयारी
उन्होंने कहा नकली दूध-मावा कारोबार के पूरे मामले को एसटीएफ ने टेकओवर किया है। पूरी प्लानिंग की जा चुकी है कि किस तरह से ऐसे कारोबारियों के राज्य के बाहर संबंध रहे हैं उन पर नियंत्रण किया जाएगा। उन पर रासुका की कार्रवाई की तैयारी की गई है। प्रदेश में और प्रदेश के बाहर फैले नेटवर्क को खत्म करेंगे।